उत्तराखंड

डीएम मंगेश घिल्डियाल ने संभाला टिहरी जिले के जिलाधिकारी का पदभार! शुभकामनाओं का लगा तांता..

आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने टिहरी जिले के जिलाधिकारी का पदभार ग्रहण कर लिया है पदभार ग्रहण करते ही शुभकामनाओं का तांता लग गया है..

UK NEWS NETWORK टिहरी डेस्क 

टिहरी। रूद्रप्रयाग में जिलाधिकारी रहते जनता से सीधे जुड़ाव और अपनी कार्यशैली के कारण जनप्रिय आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जिलाधिकारी टिहरी का पदभार ग्रहण कर लिया है, टिहरी की आम जनता में भी नए जिलाधिकारी के रूप में मंगेश घिल्डियाल मिलने के खुशी साफ झलक रही है, यही कारण है कि सोशल मीडिया में उनके लिए शुभकामनाओं का अम्बार लगा हुआ है। वही दूसरी और रूद्रप्रयाग जनपद में उनके स्थानांतरण को लेकर लोग दुखी जरूर हैं लेकिन रूद्रप्रयाग से भी उन्हें लगातार शुभकामनाऐं दी जा रही हैं।

दरअसल डीएम मंगेश घिल्डियाल को जनता का मिलता अपार प्यार ऐसे ही नही है बल्कि आम जनता से सीधे उनका जुड़ाव, सीधा साधा सरल स्वभाव, मदद का स्वभाव, आम लोगों के मुद्दों पर पकड़, और ठेठ पहाड़ी अन्दाज जनता को भी खुब भाता है, रूद्रप्रयाग में उनके कार्यकाल के दौरान हर छोटे से छोटे आदमी का भी डीएम से सीधे जुड़ाव रहा, हर व्यक्ति अपनी शिकायत परेशानी सीधे डीएम तक आसानी से पहुचा सकता था।

रूद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ पुर्ननिर्माण, सैकड़ों स्वयं सहायता समूहों को लोगों को स्वरोजगार से जोड़ना, जनता की समस्या सुनने के लिए जनता दरबार और सोशल मीडिया से भी स्वयं सूचनाओं का संज्ञान लेना जैसे फैसलों ने उन्हें जनता के बीच काफी जनप्रिय बनाया।

डीएम मंगेश घिल्डियाल के बारे में-
डीएम मंगेश घिल्डियाल हमेशा गरीब बच्चो की मदत करते रहते है मंगेश घिल्डियाल जी जनता के लिए, जनता के बीच जाकर उनकी समस्या सुनकर तुरंत ही समस्या का समाधान करते हैं। और जरूरत पड़ने पर वह चैपाल लगाते हैं और जनता की शिकायतों का यथासंभव समाधान करते हैं। मंगेश घिल्डियाल 2011 बैच के आईएएस अफसर है जिन्होंने पूरे देश में चैथी रैंक हासिल की थी।, वो चाहते तो भारतीय विदेश सेवा में भी जा सकते थे लेकिन उन्होने प्रशासनिक सेवा में आकर आम लोगों की सेवा को ही अपना उदेश्य बनाया।

डीएम मंगेश ने हमेशा ही अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। जब उनका ट्रांसफर बागेश्वर जिले से रुद्रप्रयाग हो रहा था, तो वहां के लोगो ने सड़कों पर आ कर विरोध किया। वहा के लोग रोने तक लग गए थे कि आप यहाँ से मत जाओ। जनता से सीधे जुड़ कुछ ऐसा ही डीएम मंगेश घिल्डियाल ने रुद्रप्रयाग मे भी किया, जब स्कूल में टीचर न होने की स्थिति में डीएम और उनकी पत्नी बच्चों को पढ़ाने गये। डीएम जिले के हर गाॅवों मे जाकर लोगो की परेशानिया सुनते है और हर व्यक्ति उनसे सीधे बात कर सकून महसूस भी करता है।

जन्म और स्कूली शिक्षा
आईएएस मंगेश घिल्डियाल का जन्म पौड़ी जिले के डांडयू गांव में हुआ। उनके पिता प्राइमरी स्कूल में हेडमास्टर थे और माता गृहणी हैं। मंगेश की प्राथमिक शिक्षा डांडयू गांव मे ही हुई। इससे आगे की पढ़ाई के लिए वे गांव से पांच किमी दूर राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय पटोटिया जाते थे। इसके बाद वो रामगनर चले गये और वही पर नौवीं से लेकर ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई की।

इसके बाद जब वो एमएमसी की पढ़ाई कर रहे थे तो उनके ऊपर बहुत जिम्मेदारी आ गयी थी उनके साथ उनके दो और भाई बहिन भी पढाई कर रहे थे तो पैसे की परेशानी आने लग गई थी उन्होंने पढाई के साथ गेट का एग्जाम दिया, तो उसमें सेलेक्शन हो गए। इसके बाद उन्होंने पढाई के साथ साथ इंदौर से एमटेक भी किया। एमटेक करते ही 2006 मे लेजर टेक्नीक‘ पर रिसर्च के लिए उन्हें साइंटिस्ट के रूप में नौकरी मिल गयी।

सिविल सर्विसेज की तैयारी
साइंटिस्ट के पद पर सेलेक्शन हो जाने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग देरादून में आईआईआरडी लैबोरेट्री में हुईद्य तब उन्हें लगा कि मुझे सिविल सर्विसेस मे जाना चाहिएद्य वही से ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया। उस समय देहरादून में उतना अच्छा माहौल नहीं था। उस समय सिविल परीक्षाओं की तैयारी कोई संस्थान नहीं कराता था। उन्होंने खुद ही बुक स्टडी की और पहली बार में 131वीं रैंक के साथ आईपीएस में सेलेक्शन मे गया।

सिलेक्शन होने के बाद वो हैदराबाद चले गए फिर भी वे सिविल परीक्षा की तैयारी में जुटे रहे और 2011 में उन्होंने दोबारा सिविल सेवा एग्जाम दिया और चैथा स्थान प्राप्त किया। उस समय उनको भारतीय विदेश सेवा यानी इंडियन फॉरेन सर्विसेज में जाने का मौका मिला लेकिन उन्होंने उत्तराखंड को चुना और आईएएस की नौकरी करने का फैसला लिया। उनकी पहली पोस्टिंग चमोली में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में मिली।

पारिवारिक जीवन

मंगेश घिल्डियाल जी की पत्नी का नाम ऊषा घिल्डियाल है जोकि पहले गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में सीनियर वैज्ञानिक थी। लेकिन अब वह नौकरी छोड़कर रुद्रप्रयाग जिले में शिक्षा की बेहतरी के लिए कार्य कर रही हैं। उनका एक बेटा भी है।

डीएम मंगेश घिल्डियाल ने हौसला बढ़ाया
यु तो डीएम मंगेश घिल्डियाल हर किसी युवा के हौसले बढ़ाते रहते है पर ये कहानी उत्तराखंड के हल्द्वानी की रहने वाली उस बेटी की है जिसने आईएएस परीक्षा में अपना दम दिखाया। बिना कोचिंग के अपूर्वा ने आईएएस की परीक्षा में अव्वल नंबर हासिल किए। अपूर्वा ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय रुद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को दिया है।

भ्रष्टाचार पर डालेंगे नकेल डीएम मंगेश घिल्डियाल सरकारी विभागों में कमीशनखोरी से बहुत ही आहत हैं। उनका कहना है कि जिन अधिकारियों खर्चा सरकार द्वारा दी गई सेलरी में नहीं चल रहा है, तो वह हमको बता दे तो हम उसकी एप्लीकेशन को शासन को प्रेषित करेंगे और कहेंगे कि इनको रिटारयमेंट दिया जायेगा

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