उत्तराखंड

शिक्षक ने बच्ची से की छेड़खानी, शिक्षिका पर मामले को दबाने का आरोप

शिक्षक ने बच्ची से की छेड़खानी, शिक्षिका पर मामले को दबाने का आरोप

उत्तराखंड : जिला सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने चौथी की छात्रा से छेड़खानी के मामले में शिक्षक को पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी पाया है। मामले की जानकारी होने के बावजूद बच्ची को धमकाने पर शिक्षिका को भी अदालत ने दोषी माना है। दोनों अभियुक्तों को 16 अक्तूबर को सजा सुनाई जाएगी।

लमगड़ा ब्लॉक के एक स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा के साथ शिक्षक मुकेश कुमार सहगल छेड़खानी करता था और उसे अश्लील वीडियो दिखाता था। वहीं, शिक्षिका दया शैलाकोटी ने सब कुछ जानने के बावजूद न सिर्फ मामले को दबाए रखा बल्कि उसने बच्ची को धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो उसे बिच्छू लगाकर स्कूल से निकाल दिया जाएगा।

शिक्षक और शिक्षिका को इन धाराओं में पाया है दोषी
करीब तीन माह पहले छात्रा ने इस बारे में अपनी मां को बताया तो उसके ताऊ ने थाना लमगड़ा में रिपोर्ट दर्ज कराई। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता गिरीश चंद्र फुलारा, सहायक शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) शेखर चंद्र नैलवाल और विशेष लोक अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी ने मामले की पैरवी की।

निर्भया प्रकोष्ठ की अधिवक्ता अभिलाषा तिवारी ने भी सहयोग किया।

सुनवाई के बाद जिला सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने शिक्षक मुकेश कुमार सहगल पुत्र कुबाड़ी बिंदुखंड थाना झबरैड़ा जिला हरिद्वार को धारा 376 (2), 354ए, और 5/6 पॉक्सो एक्ट और 67(ए) आईटी एक्ट में दोषी पाया, जबकि शिक्षिका दया शैलाकोटी पत्नी दीप चंद्र निवासी गोलनाकरड़िया तहसील अल्मोड़ा को धारा 323, 504 और 21 (ए) पॉक्सो एक्ट में दोषी पाया गया है।

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