चमोली आपदा- सुरंग के पास पांच दिन से कुत्ता आज भी कर रहा लापता दोस्तों का इंतजार..
उत्तराखंड: चमोली जिले में बाढ़ से क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में फंसे लोगों की तलाश के लिए अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं। लेकिन यहां सुरंग के बाहर एक कुत्ता पिछले पांच दिन से अपने दोस्तों का इंतजार कर रहा हैं। आपको बता दे, कि यहां कुत्ता प्रोजेक्ट में काम करने वालों लोगों के साथ काफी घुल-मिल गया था, क्योंकि ये लोग काम के दौरान अपने खाने में से उसे खाना खिलाते थे. जिसकी वजह से ये कुत्ता अपने साथियों की याद में यहीं पर बैठा हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक आपदा के समय यह कुत्ता यहां पर मौजूद नहीं था। लेकिन जब वह यहा पर वापस लौटा तो यहां का नजारा एकदम बदल चुका था। जो लोग रोजाना उसे यहां दिखाई देते थे अब वो लोग यहां पर मौजूद नहीं थे। इस आपदा में जीवित बचे 34 वर्षीय राजेंदर सिंह ने कहा कि जब हम यहां काम करते थे तो हम उसे खाना देते थे और वह दिन भर यहीं पर हमारे साथ रहता था। साइट का काम खत्म होने के बाद वह भी यहां से चला जाता था।
इस कुत्ते का नाम ब्लैकी हैं। इसकी उम्र करीब दो साल हैं। उसका जन्म उस समय हुआ जब इस जगह पर प्रोजेक्ट शुरू हो चुका था। उन्होंने बताया कि वह हमारे पास रहकर ही बड़ा हुआ हैं। मगर जिस दिन बाढ़ आई, उस समय ब्लैकी यहां पर नहीं था। जब वह अगली सुबह वापस आया, तो कोई भी पहचान वाला आदमी उसे यहां पर नहीं मिला। जिसे देखकर वो बहुत हताश हुआ। अब वो लोग यहां पर नहीं थे, जिन्हें वो अच्छे से जानता था।
ब्लैकी को यह जगह अजनबियों से भरी हुई दिखी। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि बचाव दल के लोगों ने ब्लैकी को दूर भगाने की कोशिश की। लेकिन थोड़ी देर बाद वह बार-बार वापस आता रहा। वह सुरंग के बाहर से जाने को तैयार ही नहीं था। उन्होंने कहा कि हम अब उसकी देखभाल कर रहे हैं, वह सारा दिन, रात भर, सुरंग के बाहर बैठा रहता हैं। हमें उम्मीद है कि वह जल्द ही यहां काम करने वाले सुरंग में फंसे अपने साथियों से मिल पाएगा।