स्वदेशी ई-दुकान करेगी Amazon और Flipkart की छुट्टी..
कारोबारी बेच सकेंगे बिना कमीशन अपना सामान..
देश-विदेश : Amazon और Flipkart को टक्कर देने के लिए देसी ई-मार्केट मोबाइल ऐप आ गया है. कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स(CAIT) ने आज गुरुवार 11 फरवरी को वेंडर ऑनबोर्डिंग मोबाइल ऐप को लांच किया है. 8 करोड़ कारोबारियों और 40 हजार से अधिक ट्रेड एसोसिएशंस के संगठन कैट ने अपने आने वाले ई-कॉमर्स पोर्टल ‘Bharat e Market’ के लिए ऐप को लांच किया है. इस ऐप के जरिए सभी कारोबारी और सर्विस प्रोवाइडर्स खुद को पोर्टल पर रजिस्टर करा सकेंगे और अपनी e-dukaan खोल सकेंगे. कारोबारी संगठन कैट ने कहा कि .भारत ई मार्केट पूरी तरह से स्वदेशी है और यह सभी रूल्स एंड रेगुलेशंस को पूरा करेगा. पोर्टल के लिए न तो विदेशी निवेश स्वीकार किया जाएगा और न ही इस पर चीन के किसी सामान की बिक्री हो सकेगी.
इसके अलावा कारोबारी लेन-देन को लेकर कोई कमीशन नहीं लिया जाएगा जबकि अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर 5-365 फीसदी का कमीशन देना होता है. कैट के नेशनल प्रेसिडेंट बीसी भारतीय के मुताबिक पीएम मोदी के ‘Vocal for Local’ और’Aatmanirbhar Bharat’के तहत कैट ने स्वदेशी भारत ई-मार्केट पोर्टल तैयार किया है जो बी2बी और बी2सी बिजनस अपॉर्च्यूनिटीज प्रदान करेगा.
देसी पोर्टल पर किसी चाइनीज सामान की बिक्री नही..
कैट पिछले कुछ समय लगातार विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर भारत की एफडीआई नीति के उल्लंघन का आरोप लगाती रही है. हालांकि विदेशी कंपनियों का कहना है कि उन्होंने किसी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है. कैट के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि जिस तरीके से विदेशी कंपनियों भारतीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए देश में कारोबार कर रही हैं, उससे एक देसी ई-कॉमर्स पोर्टल बनाना जरुरी हो गया था जो भारतीय कारोबारियों और ग्राहकों के प्रति पूरी तरह डेडिकेटेड रहे.
इस पोर्टल के लिए कोई विदेशी निवेश नहीं स्वीकार किया जाएगा और इसके यूजर्स का डेटा देश में ही सुरक्षित रहेगा. इसके अलावा इस पोर्टल पर चीन के किसी भी सामान की बिक्री नहीं होगी. खंडेलवाल का कहना है कि स्वदेशी पोर्टल पर महिला उद्यमियों, आर्टिसन्स व क्राफ्ट्समेन के प्रॉडक्ट्स को प्रमुखता दी जाएगी.
कारोबारी स्वदेशी पोर्टल पर लेन देन पर कमीशन नहीं..
कैट ने दिसंबर 2021 तक पोर्टल से 7 लाख ट्रेडर्स और दिसंबर 2023 तक 1 करोड़ को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. इन ट्रेडर्स को देसी पोर्टल से जोड़ने के लिए देश भर के 40 हजार से अधिक ट्रेड एसोसिएशंस महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. खंडेलवाल के मुताबिक अन्य ई-कॉमर्स पोर्टल्स अपने पोर्टल पर कारोबारी लेन-देन में 5-35 फीसदी तक का शुल्क लेते हैं जबकि स्वदेशी पोर्टल पर ई-दुकान बनाने के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा और कारोबार को लेकर न ही कोई कमीशन लिया जाएगा.