होली से पहले देवभूमि में शोक की लहर, युद्धाभ्यास में शहीद हुआ पहाड़ का सपूत
ठीक होली से पहले उस परिवार पर जाने क्या बीत रही होगी, जिन्हें ये खबर सुनने को मिली कि उनके परिवार का लाल चला गया।
काशीपुर : होली से ठीक एक दिन पहले उत्तराखंड के लिए बेहद बुरी खबर आ रही है। उत्तराखंड का एक और वीर जवान ड्यूटी निभाते निभाते शहीद हो गया। मूल रूप से स्यालदे के रहने वाले हवलदार सुरेश चंद्र बलोदी युद्धाभ्यास के दौरान चोटिल हो गए। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। शहीद सुरेश चंद्र बलोदी का परिवार फिलहाल काशीपुर में रह रहा है। मंगलवार की रात शहीद का पार्थिव शरीर तकाशईपुर लाया गया। शहीद को आखिरी सलाम करने के लिए कई लोगों की भीड़ वहां मौजूद थीं। शहीद सुरेश के बड़े भाई भी असम राइफल से रिटायर्ड हुए हैं। बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुरेश बलोदी के पिता ने जैसे तैसे अपने बेटों को सेना में भर्ती होने लायक बनाया था। करीब एक दशक पहले ही शहीद के पिता का निधन हो गया था। आपको ये भी बताना चाहते हैं कि शहीद की दो बेटियां हैं।
शहीद सुरेश चंद्र बलोदी बीते 20 साल से देश की सेवा में थे। 18 कुमाऊं रेजीमेंट में हवलदार सुरेश एक जांबाज योद्धा भी थे। बताया जा रहा है कि 18 मार्च को युद्ध अभ्यास के दौरान वो बुरी तरह से चोटिल हो गए। इसके बाद उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शहीद से जाने से काशीपुर में दुख और शोक की लहर है। शहीद को आखिरी विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।