उत्तराखंड

ठेकेदारों का वन विभाग कार्यालय में धरना शुरू..

वन विभाग के सभी कार्यो को डी श्रेणी में लगाने की मांग…

रुद्रप्रयाग। ठेकेदार संघ रुद्रप्रयाग ने वन विभाग परिसर में धरना शुरू कर दिया है। इससे पूर्व जल निगम के अधिशासी अभियंता की ओर से लिखित आश्वासन देने के बाद ठेकेदार संघ मान गए और उन्होंने अपना धरना खत्म किया।

दरअसल, रुद्रप्रयाग ठेकेदार संघ विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है। अब तक ठेकेदार लोनिवि, सिंचाई, जल संस्थान और जल निगम कार्यालय में प्रदर्शन कर धरना दे चुके हैं। जल निगम कार्यालय में धरने पर बैठे ठेकेदारों ने ईई की ओर से लिखित आश्वासन मिलने पर अपना धरना समाप्त किया। ईई की ओर से लिखित आश्वासन दिया गया कि जिन ठेकेदारों का जल संस्थान विभाग में पंजीकरण है, वे जल निगम की निविदाओं में भाग ले सकतें हैं।

उन्हें इसके लिए जल निगम के रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। वैसे भी जल निगम के रजिस्ट्रेशन के लिए ठेकेदारों को चमोली जिले में जाना पड़ता है और वे इसके लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में ठेकेदारों ने अपनी मांग को अधिशासी अभियंता के सामने रखा और उनकी मांगों पर कार्यवाही की गयी। ठेकेदारों ने इसके लिए ईई का आभार जताया और वन विभाग कार्यालय की ओर कूच किया। यहां धरना देते हुए ठेकेदारों ने कहा कि वन प्रभाग में समस्त निर्माण कार्यो को डी श्रेणी में लगाया जाय और इनकी निविदाएं दैनिक समाचार पत्रों में निकाली जाय, जिससे छोटे ठेकेदारों को भी रोजगार मिल सके। विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष सहित छोटे-बड़े जनप्रतिनिधियों के दबाव में आकर अंदरखाने निर्माण कार्य करवाने की व्यवस्था को खत्म किया जाय।

बिना निविदा प्रकाशित होने से पहले कोई भी निर्माण कार्य न करवाया जाय। अगर ऐसा भविष्य में होता है तो राजकीय ठेकेदार संघ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। इस मौके पर शैलेन्द्र गोस्वामी, नरेन्द्र सिंह रावत, दुर्गा सिंह रावत, अजय पंवार, बीरेन्द्र सिंह, श्रवण सिंह, नागेन्द्र सिंह, हिम्मत सिंह बत्र्वाल, सुरेन्द्र सिंह बिष्ट सहित कई ठेकेदार मौजूद थे।

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