उत्तराखंड

गढ़वाल विवि में छात्रों और कर्मचारियों में जमकर मारपीट……

गढ़वाल विवि में छात्रों और कर्मचारियों में जमकर मारपीट, तोड़फोड़ के बाद पुलिस फोर्स तैनात

श्रीनगर गढ़वाल : शुक्रवार दोपहर को उत्तराखंड में एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय परिसर युद्ध का मैदान बन गया। छात्रों और कर्मचारियों के बीच जमकर माटपीट हुई। इस दौरान कर्मचारियों ने देहरादून डीएवी से पहुंचे छात्रों को खदेड़कर बाहर निकाल दिया। उनकी पुलिस से भी झड़प हो गई।

सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस भी पहुंच गई है। लेकिन छात्र अपनी मांगों को लेकर वहीं अड़े हुए हैं। वहीं छात्रों ने परिसर में जमकर तोड़फोड़ भी की। बता दें कि, मार्कशीट में हो रही त्रुटियों, स्पेशल बैक पेपर, जल्द सभी परीक्षा परिणाम घोषित करने समेत कई मांगों को लेकर देहरादून से डीएवी कॉलेज के छात्र विवि पहुंचे थे।

इस दौरान उन्होंने विवि प्रशासन से अपनी बात रखनी चाही । लेकिन वहां उनकी किसी बात को लेकर कर्मचारियों से बहस हो गई। इसके बाद मामला ज्यादा बढ़ने पर छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे को बढ़ता देख कर्मचारियों ने भी उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन दोनों के बीच हाथापाई हो गई। पुलिस मामले को सुलझाने में जुटी हुई है। विवि के अधिकारियों में आपसी सामंजस्य न होने से छात्रों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। विवि में कहीं छात्र तो कहीं कर्मचारी आंदोलित हैं, जिससे वहां अव्यवस्थाएं हावी है। इसका सीधा प्रभाव पठन-पाठन पर पड़ रहा है। बावजूद इसके विवि के अधिकारी इन अव्यस्थाओं का जिम्मेदार एक दूसरे को बता रहे हैं। अधिकारियों के आपसी सामंजस्य के अभाव में एमएड प्रवेश परीक्षा क्वालीफाई छात्र मेरिट में आने के बावजूद भी प्रवेश से वंचित रह गए थे।

मामला यह भी था कि, बीएड अंतिम वर्ष के छात्रों ने एमएड प्रवेश परीक्षा में प्रतिभाग किया था। जबकि नियमानुसार एमएड प्रवेश परीक्षा बीएड उत्तीर्ण छात्र ही दे सकता है, लेकिन अधिकारियों के सामंजस्य की कमी के कारण बीएड अंतिम वर्ष के छात्रों को परीक्षा में बैठा दिया गया और ये छात्र परीक्षा क्वालीफाई कर गए। जब छात्र एमएड में प्रवेश लेने के लिए पहुंचे तो उन्हें बीएड अंतिम वर्ष की तालिका न दिखा पाने के कारण प्रवेश से वंचित कर दिया गया।

अब अधिकारियों के सामंजस्य की कमी के चलते पौड़ी परिसर के छात्र आंदोलित हैं। पौड़ी परिसर के छात्र विभिन्न विषयों के परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे हैं। जबकि परिसर निदेशक व विवि के परीक्षा नियंत्रक परीक्षा परिणाम घोषित न होने का जिम्मेदार एक दूसरे को ठहरा रहे हैं। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि पौड़ी परिसर निदेशक ने विवि के अधिकारियों में अहम पालने का आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है।

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