न्यायालय की शरण लेने को मजबूर हैं शिक्षक…
राजकीय शिक्षक संघ की अगस्त्यमुनि में बैठक संपंन..
रुद्रप्रयाग। वेतन विसंगति सहित अन्य मांगांे को लेकर राजकीय शिक्षक संघ की अगस्त्यमुनि में बैठक आहूत हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि यदि सरकार ने जल्द ही शिक्षकों की मांगों पर अमल नहीं किया तो संगठन न्यायालय की शरण लेने को मजबूर हो जाएगा।
संघ के जिलाध्यक्ष आनंद सिंह जगवाण की अध्यक्षता में आहूत बैठक में वक्ताओं ने कहा कि स्थानांतरण एक्ट लागू होने के लगभग एक वर्ष बाद भी शिक्षा विभाग ने आज तक शिक्षक एवं अधिकारियों के स्थानांतरण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है।
ऐसे में शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है। संघ के जिलाध्यक्ष आनंद सिंह जगवाण ने कहा कि स्थानांतरण को लेकर शिक्षा विभाग सुस्त रवैया अपनाए हुए है। संघ की ओर से कई मर्तबा उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, बावजूद इसके कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। कहा कि अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मण्डल पौड़ी की ओर से कोटिकरण को दुरूस्त करने को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी किया गया, मगर तीन माह बीत जाने के बाद भी अधिकारियों ने कोटिकरण को संशोधित नहीं किया है।
कनिष्ठ एवं वरिष्ठ वेतन विसंगति को निदेशक का पत्र जारी होने के बाद भी वेतन विसंगति दूर नहीं की जा रही है, जबहकि शासनादेशों की गलत व्याख्या करके शिक्षकों से वसूली की बात की जा रही है, जिसकी जिला कार्यकारिणी घोर निंदा करती है। उन्होंने कहा कि छूटे हुए विज्ञान व अन्य विषयों की पदोन्नति सहायक अध्यापक से प्रवक्ता में नहीं किये गये हैं। लम्बे समय से एलटी से प्रवक्ता पदों एवं प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति न होने से शिक्षकों में आक्रोश बना है। कहा कि जनपद स्तर पर जिला कार्यकारिणी शीघ्र ही शैक्षिक क्षेत्र में शैक्षिक उन्नयन गोष्ठी भी करने जा रही है।
इस मौके पर उपाध्यक्ष उत्तम सिंह चैधरी, पूर्व अध्यक्ष हर्षवर्द्धन रावत, ब्लाॅक मंत्री जखोली जगदम्बा चमोली, विधि सलाहकार डाॅ गुरू प्रसाद सती, कार्यकारिणी सदस्य शंकर भट्ट, भानु प्रताप रावत, सरोप सिंह नेगी, सुनीता नौटियाल, अंजू बमोला सहित कई मौजूद थे। बैठक का संचालन जिला मंत्री पंकज भट्ट ने किया।