सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार, भर आई आंखें…
चमोली : शहीद का पार्थिव शरीर सुबह 9 बजे उनके गांव स्यूंण ले जाया गया। यहां अंतिम दर्शनों के बाद शव को 3 किलोमीटर दूर मेनागाड़ घाट ले जाया गया। शहीद की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग पहुंचे। जम्मू के पलावाला सेक्टर में अभ्यास सत्र के दौरान हुए एक धमाके में शहीद दस गढ़वाल राइफल के जवान सुरजीत सिंह (30) का शव आज सुबह पैतृक गांव स्यूंण (चमोली) पहुंचा।
जहां पूरे सैन्य सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया गया। पैतृक घाट पर शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। पीपलकोटी के स्यूंण गांव के शहीद सुरजीत सिंह राणा का अंतिम संस्कार उनके पैतृक घाट मेनागाड़ में सैन्य सम्मान के साथ हुआ।
बड़े भाई महावीर राणा के बेटे अजय राणा ने शहीद को मुखाग्नि दी। गढ़वाल राइफल के कर्नल अनिल कुमार पुंडीर, चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, पूर्व कैविनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी के साथ कई जनप्रतिनिधियों ने घाट पर पहुंच कर शहीद को श्रद्धांजलि दी। शहीद दस गढ़वाल राइफल के जवान सुरजीत सिंह का शव गांव में पहुंचने के बाद ग्रामीण शोकग्रस्त हो गए। शहीद की मां और परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
स्यूंण गांव निवासी सुरजीत सिंह वर्ष 2008 में सेना में शामिल हुए थे। वह इन दिनों जम्मू की अखनूर तहसील के पलावाला सेक्टर में तैनात थे। शनिवार को हुए अभ्यास सत्र के दौरान एक धमाके में वह शहीद हो गए। उनके पिता प्रेम सिंह की मौत दो दशक पूर्व हो गई थी, जबकि एक वर्ष पूर्व शहीद की पत्नी की भी मौत हो गई थी।