उत्तराखंड

उत्तराखंड के इस युवक ने नौकरी छोड़कर शुरू किया स्टार्टअप, सबको भा रहा आईडिया..

आत्मनिर्भर

नौकरी छोड़कर शुरू किया स्टार्टअप, माता-पिता को भा रहा है आईडिया..

उत्तराखंड:  उत्तराखंड राज्य के युवा आत्मनिर्भर बनने की तरफ़ शानदार प्रयास कर रहे हैं। एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है उत्तराखंड के शहर हल्द्वानी के युवा फ़ोटोग्राफर प्रशांत सिंह भोजक की। जो कि बड़े संस्थान से पढ़कर, बड़े मंचों पर अपना हुनर दिखाकर, अपने शहर, अपने पहाड़ की तरफ़ लौटे हैं। वह अपनी ज़मीन से ही अपने सपने पूरे कर रहे हैं। प्रशांत ने बारहवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की और अपने सपने को पूरा करने के लिए नोएडा उत्तर प्रदेश के एशियन एकेडमी ऑफ फ़िल्म एवं टेलीविजन को चुना। जहां उन्होंने कैमरा एंड लाइटिंग टेक्नीक्स में डिप्लोमा कोर्स किया। कोर्स के दौरान उन्होंने अरुण आनन्द, कल्याण सरकार, प्रदीप सिन्हा से फ़ोटोग्राफी और सिनेमेटोग्राफी की बारीकियां सीखीं।

कोर्स करने के बाद प्रशांत की यात्रा आसान नहीं रहीं। प्रशांत तक़रीबन छह माह तक दिल्ली की सड़कों पर काम के लिए भटके। उन्होंने तमाम मीडिया हाउस, प्रोडक्शन हाउस के चक्कर लगाए मगर सफलता नहीं मिली। फिर भी प्रशांत ने हार नहीं मानी और लगातार काम की तलाश करते रहे। इसी दौरान प्रशांत की मेहनत रंग लाई और उनकी मुलाक़ात निर्देशक श्री विवेक राय से हुई। विवेक राय ने प्रशांत के हुनर को पहचाना और उन्हें अपने एक प्रोजेक्ट ” कट कॉपी पेस्ट ” जो कि एक डॉक्यूमेंट्री थी, में काम करने का मौक़ा दिया। इस प्रोजेक्ट से प्रशांत का नाम आईएमडीबी की सिनेमेटोग्राफर लिस्ट में दर्ज हो गया। इस कामयाबी के बाद प्रशांत ने मीडिया जगत में भी कार्य किया।

 

 

उन्हें आज़ादी और क्रिएटिविटी के साथ अपने राज्य, अपनी भूमि में कुछ कार्य करना था। इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए प्रशांत दिल्ली से शहर हल्द्वानी लौटे और उन्होंने 15 अगस्त 2018 को अपने संस्थान ” PIC KLICK PHOTOGRAPHY & Classes ” की स्थापना की। इन दो वर्षों में प्रशांत ने अपने संस्थान के ज़रिए फोटोग्राफी क्लासेज का संचालन किया और शहर के कई युवाओं को फोटोग्राफी के गुर सिखाए। प्रशांत शहर हल्द्वानी में कार्य कर रहे तमाम सांस्कृतिक, साहित्यिक, सामाजिक लोगों एवं मंचों से जुड़ रहे और उन्होंने रचनात्मकता के ज़रिए शहर में एक बेहतर कलात्मक माहौल बनाने में योगदान दिया।

प्रशांत सिंह भोजक को युवा अवस्था से ही तस्वीरों और यात्राओं से प्रेम था। वह फ़ोटोग्राफी के क्षेत्र में कार्य करना चाहते थे।जब यह बात उन्होंने अपने पिताजी राजेन्द्र सिंह भोजक एवं माताजी कमला भोजक जी के साथ साझा की तो उनके माता पिता ने सहमति जता दी। ऐसा हमारे समाज में कम ही होता है कि माता पिता आम प्रोफेशन से हटकर अपने बच्चे को किसी दूसरे नए प्रोफेशन में सहयोग करें।

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