देश/ विदेश

बैज्ञानिकों की बड़ी चिंता समुद्र में पहुंची बर्फ की चट्टान टूटकर…

बर्फ की चट्टान

बैज्ञानिकों की बड़ी चिंता समुद्र में पहुंची बर्फ की चट्टान टूटकर…

देश-विदेश : समुद्री जीव-जंतुओं के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है। कि समुद्र में बर्फ की चट्टान का एक बड़ा हिस्सा खिसक रहा है, जिससे समुद्री जीवों को बड़ा खतरा हो सकता है। जानकारी के मुताबिक, अंटार्कटिका में मौजूद बर्फ की सबसे बड़ी चट्टान A68 का एक हिस्सा समुद्र में खिसक रहा है। इस हिस्सा का आकार छोटा- मोटा नहीं बल्कि 5,800 स्क्वैयर किलोमीटर है। अब बर्फ की ये चट्टान दक्षिण जॉर्जिया की तरफ बढ़ रहा है। जिसने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है।

समुद्री जीव-जंतुओं के लिए बड़ा खतरा…
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ये ऐसी ही बढ़ता रहा तो समुद्री जीव-जंतुओं के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। जानकारों के मुताबिक, समुद्र में खिसकने वाली ये चट्टान, भारत की राजधानी दिल्ली से करीब चौगुनी बड़ी है। इतनी बड़ी बर्फ की चट्टान के समुद्र में तैरने पर जीवों और पर्यावरण पर काफी असर देखने को मिल सकता है। इसके अलावा एक और बात ने टेंशन बढ़ाई है कि अंटार्कटिका में बर्फ का टूटना पर्यावरण में बदलाव के कारण होता है।

 

हिमखंड A68a भी बढ़ रहा आगे…
A68 के अलावा एक और हिमखंड A68a भी आगे की ओर बढ़ रहा है। इसका आकार 2,600 स्क्वैयर किलोमीटर है, जो दिल्ली से लगभग दोगुना बड़ा है। जानकारों का मानना है कि अगर ये चट्टान किसी द्वीप पर रूक गई तो वहां की छोटी-बड़ी मछलियों और वनस्पति को समाप्त कर देगी। इसके अलावा कहा जा रहा है कि समुद्र में खाने के लिए पेंगुविन और सील एक लंबी दूरी तय करती हैं, चट्टानों के चलते वो रास्ता भटक सकती हैं और बच्चों के लिए खाना लाने में असमर्थ हो सकती हैं, जिससे उनके बच्चे की मौत भी हो सकती है।

 

भारत में भी खतरे की घंटी…
इसके अलावा वैज्ञानिकों की मानें तो इस हिमखंड के टूटने से अंतरराष्ट्रीय समुद्री स्तर दस सेंटीमीटर तक बढ़ जाएगा। साथ ही टाइटैनिक जैसे हादसे भी होने की संभावना बढ़ जाएगी। चट्टान के टूटने का असर दुनियाभर के तमाम देशों के साथ-साथ भारत में भी दिखने वाला है। अगर समुद्री जलस्तर बढ़ा तो अंडमान-निकोबार के कई टापू जलमग्न हो जाएंगे। साथ ही बंगाल की खाड़ी में स्थित सुंदरबन पर भी डूबरने का खतरा मंडराने लगेगा।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top