हरीश रावत और सतपाल महाराज की अचानक हुई मुलाकात से चर्चाओं का बाजार गर्म..
जहां दवा होती है, वहां बीमार को जाना ही पड़ता है- हरीश रावत..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आवास पहुंचकर उनसे भेंट की। इस मुलाकात ने उत्तराखंड के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया हैं। दोनों नेताओं की मुलाकात के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। हरीश रावत ने खुद ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी हैं। नौ साल बाद प्रदेश के दो बड़े सियासतदां की अचानक मुलाकात ने सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया।
यह पहला मौका नहीं हैं जब हरीश रावत पहली बार किसी भाजपा नेता से मिल रहे थे, बल्कि इस बीच करीब आधा दर्जन से अधिक नेता उनसे उनके घर पर जाकर हरीश रावत से मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि इस मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर हरीश ने कुछ इस अंदाज में जवाब दिया कि जहां दवा होती है, बीमार को जाना ही पड़ता है।
हरीश रावत का कहना हैं कि दो दिन पहले एक शादी समारोह में उनकी सतपाल महाराज से मुलाकात हुई थी। इस दौरान उन्होंने उनसे पोस्ट कोविड से संबंधित दिक्कतों के बारे में चर्चा की। इसके बाद महाराज ने उन्हें कुछ आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में जानकारी दी। कहा कि वह खुद आकर यह दवाएं दे जाएंगे।
इस पर हरीश रावत ने कहा कि वह क्यों आएंगे, मैं अगर बीमार हूं तो दवा लेने भी मैं खुद आऊंगा। जहां दवा होती है, वहां बीमार को जाना ही पड़ता है। इसलिए मैं खुद दवा लेने सतपाल महाराज के पास गया था। रावत ने आगे कहा कि इसके कोई सियासी मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। वह महाराज का एक आध्यात्मिक पुरुष के नाते हमेशा से सम्मान करते हैं। राजनीति अपनी जगह है और व्यवहारिक संबंध अपनी जगह।