उत्तराखंड

सल्ट उपचुनाव हैं भाजपा सरकार के चार साल का इम्तिहान..

सल्ट उपचुनाव हैं भाजपा सरकार के चार साल का इम्तिहान..

उत्तराखंड: एक तरफ है भाजपा सरकार के चार साल का कामकाज तो दूसरी तरफ है कांग्रेस का संघर्ष और मुख्यमंत्री बदलने के बाद के हालात, अब ऐसे में जिसका भी पलड़ा भारी रहा वो 2022 में ऊँचे कंधे के साथ मैदान में उतरेगा। प्रत्याशियों की बात कर लें तो एक तरफ परिवार में ही टिकट देकर भाजपा भावनात्मक वोट पाना चाहती है तो वही कांग्रेस ने पिछले चुनाव में कड़ी टक्कर दे चुकी गंगा पंचोली को दुबारा मैदान में उतारा है। भिकियासैंण में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, सल्ट चुनाव के संगठन प्रभारी सुरेश भट्ट,कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, डॉ.धन सिंह रावत की मौजूदगी में महेश जीना ने नामांकन किया। आपको बता दें कि महेश पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के भाई है लिहाज़ा भाजपा उपचुनाव में सहानुभूति बटोरने की पूरी कोशिश कर रही हैं।

 

बात अगर कांग्रेस की करें तो मौजूदा प्रत्याशी गंगा पंचोली साल 2017 के चुनाव में केवल 2904 वोट से जीत से दूर रह गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर में भी गंगा ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। उत्तराखंड में 17 अप्रैल को अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा की रिक्त सीट पर मतदान होगा। 17 अप्रैल को मतदान के बाद मतगणना दो मई को होगी।

 

नवंबर में उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया था। विधायक जीना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। इससे कुछ दिन पहले उनकी पत्नी का भी दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। सुरेंद्र सिंह जीना काफी लोकप्रिय थे। सुरेंद्र लगातार तीसरी बार विधायक बने थे। अब हालात बदल चुके हैं नए मुख्यमंत्री के चेहरे पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है क्योंकि कांग्रेस इस बदलाव को भी मुद्दा बना रही है और भाजपा सरकार की चार साल की नाकामयाबियां गिना कर नए समीकरण साधने में भी लगी है।

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