उत्तराखंड

केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों पर आसमान से रखी जा रही है नज़र

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर शासन ड्रोन कैमरे से निगाहें रखे हुए है। कार्यों की ड्रोन कैमरे के माध्यम से तैयार रिपोर्ट का जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार के सम्मुख प्रजेंटेशन भी दिया। अब यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी जाएगी। इसके साथ ही रामबाड़ा-गरुड़चट्टी पैदल मार्ग की डीपीआर भी तैयार कर ली गई है। शीघ्र ही मार्ग पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते वर्ष 20 अक्टूबर को जिन पांच योजनाओं का शिलान्यास केदारनाथ में किया था, उन पर उत्तराखंड शासन के साथ ही पीएमओ भी लगातार नजर रखे हुए है। पुनर्निर्माण कार्यों की पहली बार ड्रोन कैमरे से प्रगति रिपोर्ट तैयार की गई है। साथ ही इनका वीडियो भी तैयार किया गया है।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने स्वयं ड्रोन कैमरे से ली गई तस्वीरों और वीडियो से पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने तस्वीरों व वीडियों के माध्यम से कार्यों का प्रजेंटेशन दिया। डीएम ने बताया कि आगे भी ड्रोन के माध्यम से कार्यों की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। केंद्र सरकार भी इस रिपोर्ट का अध्ययन करेगी। डीएम ने यह भी जानकारी दी कि लिनचोली- केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त है। इसे यात्रा शुरू होने से पूर्व दुरुस्त कर लिया जाएगा। डीएम के अनुसार मुख्य सचिव ने सभी निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं, ताकि तय समय पर कार्य पूरे किए जा सकें।

केदारनाथ की रेकी कर लौटी 16 सदस्यीय टीम

नैनीताल हाई कोर्ट के निर्देश पर 2013 की आपदा में लापता हुए लोगों की खोजबीन के लिए पुलिस उपाधीक्षक अभय कुमार के नेतृत्व में गई 16 सदस्यीय टीम केदारनाथ की पहाड़ियों पर रेकी कर लौट आई है। टीम ने बुधवार को वासुकीताल-चौमासी ट्रैक, केदारनाथ-त्रियुगीनारायण ट्रैक व केदारनाथ-चौमासी ट्रैक की रेकी की। आपदा के दौरान जान बचाने के लिए हजारों लोग इन्हीं ट्रैक पर फंस गए थे। लेकिन, अब तक उनका कोई पता नहीं चल पाया। इसके अलावा टीम ने गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल ट्रैक के आसपास की भी रेकी की। पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि इन सभी ट्रैक पर फिलहाल तीन से चार फीट बर्फ जमी है। ऐसे में यहां सर्च अभियान चलाना संभव नहीं हो पा रहा। इस संबंध में वह रिपोर्ट एसपी रुद्रप्रयाग को सौंपेंगे।

टीम में राजस्व, आपदा प्रबंधन व स्वास्थ्य विभाग के साथ ही एसडीआरएफ व पुलिस के 16 सदस्य शामिल थे। वहीं, डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में केदारनाथ की पहाडिय़ों पर नर कंकालों की खोजबीन संभव हो पाएगी या नहीं, यही पता लगाने टीम वहां गई थी। बता दें कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2013 की आपदा में लापता हुए 4700 लोगों का आज तक कोई पता नहीं चल पाया।

अब तक 672 नर कंकाल ही पुलिस-प्रशासन की टीम खोज पाई। शेष नर कंकालों की खोजबीन के लिए हाई कोर्ट ने सरकार को सर्च अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। गत वर्ष 15-16 मई को भी पुलिस टीम ने केदारनाथ में सर्च अभियान चलाया था, जिसमें 16 नर कंकाल केदारनाथ-भैरवनाथ पैदल मार्ग पर बरामद हुए थे।

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