उत्तराखंड

उत्तराखंड में तीन हजार लोगों ने किए अपने राशन कार्ड सरेंडर

उत्तराखंड में तीन हजार लोगों ने किए अपने राशन कार्ड सरेंडर..

 

 

 

 

 

सरकार की ओर से अपात्र करीब तीन हजार लोग अब तक अपने राशन कार्ड सरेंडर कर चुके हैं। कार्डधारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा के बाद अपात्र लोग बड़ी संख्या में कार्ड जमा कराने जिलापूर्ति कार्यालय पहुंच रहे हैं। आपको बता दे कि सरकार की ओर से अपात्र राशन कार्डधारकों को 31 मई तक अपने कार्ड सरेंडर करने को कहा गया है। चेतावनी दी गई है कि इसके बाद जांच में अपात्र पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

उत्तराखंड: सरकार की ओर से अपात्र करीब तीन हजार लोग अब तक अपने राशन कार्ड सरेंडर कर चुके हैं। कार्डधारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा के बाद अपात्र लोग बड़ी संख्या में कार्ड जमा कराने जिलापूर्ति कार्यालय पहुंच रहे हैं। आपको बता दे कि सरकार की ओर से अपात्र राशन कार्डधारकों को 31 मई तक अपने कार्ड सरेंडर करने को कहा गया है। चेतावनी दी गई है कि इसके बाद जांच में अपात्र पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। सरकार की इस घोषणा के बाद बड़ी संख्या में अपात्र लोग जिलापूर्ति कार्यालय पहुंचकर कार्ड जमा करा रहे हैं। जिससे डीएसओ कार्यालय में काफी भीड़ जुट रही है। जिलापूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी का कहना हैं कि अब तक तीन हजार लोग कार्ड जमा करा चुके हैं।

बता दे कि पात्र और अपात्र को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। वर्तमान में तीन प्रकार के कार्ड बनाए जा रहे हैं। इनमें अंत्योदय (गुलाबी राशन कार्ड), राष्ट्रीय खाद्य योजना का सफेद कार्ड और इससे ऊपरी वर्ग के लोगों को पीला कार्ड शामिल है। तीनों कार्ड बनाने की अलग-अलग शर्तें भी हैं। गुलाबी कार्ड धारकों की वार्षिक आमदनी 15 हजार से कम होनी चाहिए। साथ ही इनकम का कोई स्रोत न हो या वह दिव्यांग, विधवा और बुजुर्ग, जिसका कोई सहारा न हो। जबकि सफेद कार्डधारकों के परिवार की वार्षिक आय 15 हजार से ऊपर नहीं होनी चाहिए। सरकारी नौकरी, रिटायर्ड पेंशनर्स, आयकर दाता और दो हेक्टेयर भूमि वाले इस श्रेणी में नहीं आऐंगे। इसमें अन्य मानक भी तय किए गए हैं। वहीं, डेढ़ लाख से अधिक आय वाले पीले कार्ड के हकदार हैं। वर्तमान में जिले में 15 हजार अंत्योदय, दो लाख बीस हजार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और करीब डेढ़ लाख पीले कार्डधारक हैं।

 

 

 

 

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