उत्तराखंड

लक्ष्मण के मूर्छित होने पर दर्शक हुए भावुक…

लक्ष्मण के मूर्छित होने पर दर्शक हुए भावुक…

जाख़ाल में राज तिलक के साथ रामलीला का समापन..

रुद्रप्रयाग। विकासखंड जखोली की भरदार पट्टी के जाख़ाल में आयोजित रामलीला के अंतिम दिन लक्ष्मण शक्ति, मेघनाथ और रावण वध की लीला हुई। मेघनाथ से युद्ध लड़ते हुए लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं तो दर्शक भावुक हो गए। भगवान राम के राजतिलक के साथ ही रामलीला का समापन हो गया।

रामलीला में हनुमानजी लंका दहन कर वापस भगवान राम के पास आते हैं और उन्हें रावण की लंका में सीता के होने की बात बताते हैं। इस पर राम-लक्ष्मण लंका पर चढ़ाई करने का निर्णय लेते हैं, लेकिन लंका में जाने के लिए रास्ता न होने के कारण रामेश्वर में पूजा कर रामसेतु का निर्माण का कार्य शुरू किया जाता है। पुल बनाने के बाद राम लक्ष्मण सुग्रीव की वानर सेना लेकर लंका पहुंचते हैं। लंका में पहुंचने के बाद अंगद को शांति का दूत बना कर रावण को समझाने के लिए उसके पास भेजा जाता है, लेकिन रावण सीता को वापस सौंपने से मना कर देता है। इस पर रावण को युद्ध में पराजित करने के बाद ही सीता को हासिल करने का एकमात्र रास्ता बच जाता है।

इसके बाद युद्ध के लिए रावण राम की सेना आमने-सामने खड़ी होती है। लक्ष्मण के साथ रावण के पुत्र मेघनाथ का भीषण युद्ध होता है। दोनों महारथी हार मानने को तैयार नहीं थे। इस पर मेघनाथ ने शक्ति बाण का प्रयोग कर लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया। लक्ष्मण के इलाज के लिए वैद्यराज सुषेण की सलाह पर हनुमानजी पर्वत से संजीवनी बूटी लेकर आते हैं । उसके सेवन से लक्ष्मण स्वस्थ हो जाते हैं।स्वस्थ होने के बाद लक्ष्मण फिर युद्ध भूमि में जाते हैं और घनघोर युद्ध के बाद मेघनाथ का वध कर देते हैं । मेघनाथ के वध की सूचना पर रावण मूर्छित हो जाता है तो वहीं बानरी सेना में राम लक्ष्मण की जय जयकार होने लगती है।

इसके बाद राम भगवान कुशल रणनीतिक कौशल से रावण का वध करते हैं। इस मौक़े पर बतौर मुख्य अतिथि ज़िला पंचायत सदस्य गोपाल पंवार ने कहा कि हमें अपने सांस्कृतिक मूल्य जीवित रखने हैं। रामलीला एक ऐसा मंच है, जहाँ से प्रतिभा के धनी कलाकर निकलते हैं। रामलीला में राम की भूमिका सूरज कठैत, लक्ष्मण राहुल पंवार, सीता ऋतिक राणा, हनुमान अनिल डंगवाल, रावण सुर्जन पंवार, मेघनाथ प्रशांत भट्ट ने बख़ूबी निभाई। हारमोनियम में दुर्गेश लोहनी और ढोलक वादक के रूप में उत्तम पंवार की दर्शकों ने सराहना की। इस मौक़े पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष बलवीर सिंह कठैत, सचिव प्रबल सिंह राणा, कोषाध्यक्ष उम्मेद सिंह, निर्देशक शिव सिंह पंवार, प्रधान माधो सिंह कठैत ने कहा कि ग्रामीणों के स्वस्थ मनोरंजन और राम के आदर्शों पर चलने के लिए रामलीला का आयोजन किया जाता है। यह परम्परा लम्बे समय से चली आ रही है।

इस मौक़े पर कुँवर सिंह पंवार, सुर्जन पंवार, भरत कठैत समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। मंच का संचालक सुरेंद्र राणा ने किया।

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