आगर गांव में जल संरक्षण संवर्द्धन को लेकर ग्रामीणों की बैठक…
रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि पहाड़ी गांवों की समस्याओं का समाधान जलागम विकास के बहुविध कार्यों के संचालन से ही सम्भव है और इसमें महिलाओं को प्रमुख भूमिका निभानी होगी।
नदी संरक्षण-संवर्द्धन अभियान के अंतर्गत बौंस्याड़ी गधेरे में निरन्तर घटते जल-स्त्रोतों को रोकने और वर्षा जल के संग्रहण द्वारा जल-स्रोतों के पुनर्भरण के लिए जिलाधिकारी द्वारा इस गधेरे को सदानीरा बनाने के अभियान के अंतर्गत विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के आगर गांव में आयोजित ग्रामीणों की बैठक में जल संरक्षण संवर्द्धन समिति का गठन कर अपनी गांव की सीमा में वर्षा जल के संग्रहन व भूजल भंडारों के पुनर्भरण के लिए वृक्षारोपण, खन्तियों-तालाबों के निर्माण जैसे कार्य के प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए।
ग्राम जल संरक्षण-संवर्द्धन समिति तथा ग्रामीणों को बधाई देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण से अनेक कार्यों को दिशा और गति मिलती है। पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती इस मिथक को पहाड़ के लोग अपने पुरुषार्थ से तोड़ सकते हैं और देशवासियों के सामने एक अभिनव उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम के सदस्य सचिव सतेंद्र भण्डारी, पत्रकार रमेश पहाड़ी, नव-निर्वाचित प्रधान दलीप सिंह राणा, ग्राम समिति क्वीली की अध्यक्ष देवेश्वरी देवी, कुरझण की बिंदी देवी, ढौंढिक की मनीषा देवी ने कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और इसे जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल द्वारा संचालित अभिनव कार्यक्रम बताते हुए इसमें सभी की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम की अध्यक्षता आगर महिला मंगल दल की अध्यक्ष मीना देवी ने की।
उन्होंने विश्वास दिलाया कि आगर गांव के लोग जल संरक्षण-संवर्द्धन कार्यक्रम में पूरी सक्रियता से कार्य करेंगे। ग्रामीणों ने विभिन्न समस्याओं के सम्बंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिए, जिनमें पेयजल, मोटर सड़क, जंगली जानवरों के आतंक जैसे अनेक मुद्दे थे। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की मांगों पर समुचित कार्यवाही का भरोसा दिया।