उत्तराखंड

माफिया पहाड़ छोड़ो आंदोलन करेंगे शुरू: कमला..

माफिया पहाड़ छोड़ो आंदोलन करेंगे शुरू: कमला..

हेलंग से शुरू होगी महिला अस्मिता और संसाधनों पर लोगों के अधिकारों की लड़ाई..

रुद्रप्रयाग : उत्तराखण्ड महिला मंच की अध्यक्ष एवं उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन की अग्रणी नेत्री कमला पंत ने कहा कि चमोली जिले के हेलंग में स्थानीय घसियारी महिलाओं से प्रशासन ने जो ज्यादती की है, उसके लिए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है।

इससे सरकारी तंत्र के साथ माफियाराज के गंठजोड़ का एक कलंकित चेहरा सामने आया है और यह उत्तराखण्ड राज्य की लड़ाई में शामिल उस हर इंसान के लिए एक चुनौती है, जिसने अपना जीवन और सर्वश्व एक बेहतर उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए समर्पित किया है। यह राज्य आंदोलन के शहीदों का भी अपमान है और इसे अब आगे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हेलंग से महिला अस्मिता और संसाधनों, स्थानीय लोगों के हक की लड़ाई आरम्भ ही गई है और इसे मुकाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रत्येक उत्तराखण्डी को उठानी होगी।

देहरादून से हेलंग कूच करते हुए रुद्रप्रयाग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पहाड़ों के गांव रोजगार और जीविका के साधनों में कमी के कारण लगातार खाली होते जा रहे हैं और उनके संसाधनों पर माफियाओं का कब्जा हो रहा है। शहीदों ने इसके लिए अपने प्राणों की बाजी नहीं लगाई थी। इसे गम्भीरता से समझना होगा और उत्तराखण्डी जनता को जीजान से इसके खिलाफ लड़ना होगा। हेलंग एकजुटता मंच को अपना पुरजोर समर्थन देने जाते पर्यावरणविद और सामाजिक हितचेता डॉ. रवि चोपड़ा ने कहा कि आजादी की लड़ाई जिस ग्राम स्वराज्य के लिए लड़ी गई थी, वह जमीन पर कहीं दिखाई नहीं देती है। सत्ता में प्रत्येक व्यक्ति की भागदारी के लिए ग्रामसभा को लोकसभा से बड़ी भूमिका में लाने के बाद ही यह स्थिति आ सकती है।

वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि टुकड़े-टुकड़े आंदोलनों से संविधान की यह कल्पना साकार नहीं हो सकती। इसलिए हेलंग की जमीन से राज्य आंदोलन की तर्ज पर यह आंदोलन उठ खड़ा हुआ है और इसके अच्छे परिणामों की आशा करनी चाहिए। हेलंग कूच दल की अगवानी करते हुए जन अधिकार मंच के कार्यकर्ताओं ने विश्वास दिलाया कि इस जनांदोलन को भरपूर समर्थन और सहयोग दिया जाएगा।

मंच के संस्थापक अध्यक्ष मोहित डिमरी, केपी ढोंढियाल, रमेश पहाड़ी, जोत सिंह बिष्ट, बीबी ममगाईं, भगत सिंह चैहान आदि ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों पर पहला हक स्थानीय निवासियों का होना चाहिए और सभी जन संगठनों को इसके लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। हेलंग कूच दल में स्वराज्य अभियान के पूरन बर्त्वाल, महिला मंच की हेमलता नेगी, विजय नैथानी, पद्मा गुप्ता, शांता नेगी, शांति सेमवाल, करुणा राणा, कमलेश्वरी बडोला, रजनी नेगी, कमला नेगी, दीपा देवी, पद्मा रावत, गढ़वाल सभा की उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट, एन एस पंवार, सतीश धौलाखण्डी आदि शामिल थे।

 

 

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