उत्तराखंड

ठेकेदार संघ का लोक निर्माण विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन समाप्त…

ठेकेदार संघ का लोक निर्माण विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन समाप्त...

अन्य विभागों के खिलाफ ठेकेदारों का आंदोलन रहेगा जारी….

मांगों के निराकरण को लेकर लोनिवि के ईई ने दिया भरोसा…

ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे हैं ठेकेदार….

रुद्रप्रयाग। ठेकेदार संघ रुद्रप्रयाग ने लोक निर्माण विभाग के खिलाफ अपना आंदोलन खत्म कर दिया है, जबकि ठेकेदारों का अन्य विभागों के खिलाफ आंदोलन जारी है। लोविवि के अधिशासी अभियंता और ठेकेदार संघ के पदाधिकारियों के बीच सकारात्मक वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया। अभियंता लोनिवि इन्द्रजीत बोस की ओर से ठेकेदारों की मांगों पर 15 दिन के भीतर कार्यवाही करने का भरोसा दिया गया है। इस दौरान नई कार्यकारिणी का भी गठन किया गया, जिसमें अध्यक्ष की जिम्मेदारी शैलेन्द्र भारती व सचिव अजय पंवार को बनाया गया।

दरअसल, ठेकेदार संघ रुद्रप्रयाग विभिन्न विभागों में ई-टेंडरिंग के जरिये बड़े ठेकेदारों को काम दिये जाने से आक्रोशित है। उनका आरोप है कि विभागीय अभियंताओं की मिली भगत से बड़े ठेकेदारों को कार्य दिया जा रहा है, जबकि छोटे ठेकेदारों को कोई भी काम नहीं नहीं दिया जा रहा है। बड़ी निविदाओं को ई-टेंडरिंग के जरिये लगाये जाने से छोटे ठेकेदारों को मायूसी का सामना करना पड़ता है। साथ ही जनप्रतिनिधियों के दबाव में आकर अधिकारी अंदरखाने निविदाओं को उनके चहेतों को बांट रहे हैं। इस प्रथा से छोटे ठेकेदारा बेरोजगार हो चुके हैं। शुक्रवार को ठेकेदारों से मिलने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता इन्द्रजीत बोस पहुंचे और उन्होंने ठेकेदारों की मांगों पर अमल करने का भरोसा दिया।

 

इस दौरान ठेकेदारों ने सात प्रस्तावों को अभियंता के सामने रखा। ठेकेदारों ने कहा कि लोक निर्माण विभाग रुद्रप्रयाग में निर्माण कार्य संबंधी सभी निविदाएं डी श्रेणी में लगाए जांय तथा सभी निविदाओं को दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाय, ताकि सभी ठेकेदारों को निविदाओं की सूचना प्राप्त हो सकें। हर ठेकेदार का भुगतान निर्माण कार्य पूर्ण होने के शीघ्र बाद किया जाय। बिना तकनीकी स्वीकृति के कोई भी निविदा न लगायी जाय, ताकि कार्य पूर्ण होने पर संबंधित ठेकेदारों को भुगतान के लिए परेशान होना पड़े। बड़ी निविदाओं को ई टेंडरिंग में न लगाया जाय।

इन्हें छोटी-छोटी निविदायें बनाकर लगाया जाय, ताकि छोटे ठेकेदारों को रोजगार के अवसर मुहैया हो सकें। किसी भी छोटे या बड़े जनप्रतिनिधियों के दबाव में आकर अंदरखाने निविदाओं की व्यवस्था को समाप्त किया जाय, जिससे निष्पक्षता बरकरार रह सके। ठेकेदारों ने कहा कि जो कार्य आपात स्थिति में करवाये गए हैं, उनका भुगतान अविलम्ब कराया जाय। ठेकेदारों ने 15 दिनों के भीतर इन सभी मांगों पर अमल किये जाने की मांग की। इस अवधि के भीतर विभाग द्वारा कोई भी निविदा आमंत्रित न की जाय। यदि ऐसा किया गया तो ठेकेदारा विभाग की ईंट से ईट बजाने के लिए तैयार रहेंगे। ठेकेदारों ने कहा कि लोनिवि के अधिशासी अभियंता से वार्ता और मांगों को प्रस्ताव दिये जाने के बाद उनके खिलाफ आंदोलन समाप्त किया गया है, जबकि अन्य विभाग सिंचाई, लघु सिंचाई, जल संस्थान, जल निगम, जिला पंचायत, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के खिलाफ ठेकेदारों का आंदोलन जारी रहेगा। जब तक ये विभाग भी लिखित आश्वासन नहीं देते, इनके खिलाफ ठेकेदार आंदोलन पर बैठे रहेंगे।

 

इस दौरान ठेकेदार संघ की नई कार्यकारिणी का भी गठन किया गया, जिसमें संयोजक की जिम्मेदारी जसपाल भारती, अध्यक्ष शैलेन्द्र भारती, सचिव अजय पंवार, कोषाध्यक्ष गोविंद प्रसाद व संरक्षक धनराज बंगारी, सचेन्द्र सिंह, नरेन्द्र सिंह रावत, नरेन्द्र ममगांई, वरदीप जग्गी, प्रमोद भंडारी, धन सिंह राणा, राजेन्द्र नेगी, प्रमोद भंडारी को बनाया गया। इस मौके पर अनूप खण्डूड़ी, सुरेन्द्र सिंह, चंडी प्रसाद, लक्ष्मण सिंह, चैन सिंह पंवार, महेश सिंह, उदय लाल, अनिल सिंह सहित कई मौजूद थे।

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