उत्तराखंड

अब छोटे प्लॉटों पर बन सकेंगे ऊंचाई वाले भवन, बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव की तैयारी..

अब छोटे प्लॉटों पर बन सकेंगे ऊंचाई वाले भवन, बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव की तैयारी..

उत्तराखंड: प्रदेश में जल्द ही छोटे प्लॉटों पर भी अधिक ऊंचाई वाले भवन बन सकेंगे। इसके लिए सरकार बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव कर फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) में बढ़ोतरी करने जा रही है। इसके साथ ही न्यूनतम सड़क के मानकों में छूट समेत कई अन्य संशोधन भी किए जा रहे हैं। जिसको लेकर टाउन प्लानिंग विभाग, एमडीडीए ने बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद राज्य में नए बायलॉज लागू हो जाएंगे।

आपको बता दे कि प्रदेश में आवासीय भूमि लगातार कम हो रही है। जमीनों की उपलब्धता कम होने के कारण राज्य सरकार अब दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों की तर्ज पर वर्टिकल डेवलपमेंट की तरफ आगे बढ़ रही है। वैसे भी जिस तेजी से जमीनों के दाम बढ़ रहे हैं, उससे लोगों के लिए बड़ा प्लॉट खरीद पाना मुश्किल होता जा रहा है। मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, एफएआर ज्यादा देकर भूमि का प्रयोग कम किया जा सकता है। प्लॉट के कवर्ड एरिया गुणा एफएआर के आधार पर कुल कितने तल बनाए जा सकते हैं, इसका आंकलन किया जाता है। एफएआर बढ़ते ही स्वाभाविक तौर पर कुल निर्मित क्षेत्रफल भी बढ़ जाएगा, जिससे भवन में अतिरिक्त तल बनाए जा सकेंगे। इसी के साथ हाई राइज बिल्डिंग बायलॉज भी तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें भवनों की अधिकतम ऊंचाई 83 मीटर तक करने का प्रस्ताव किया गया है।

 

भवनों के आधार से होता है एफएआर निर्धारण..

भवनों की प्रकृति के आधार पर एफएआर का निर्धारण होता है। इको रिजॉर्ट का सबसे कम दशमलव 25 और अफोर्डेबल हाउसिंग का सबसे अधिक 2.1 एफएआर है। इसके अलावा आवासीय, व्यावसायिक भवन, स्कूल, अस्पताल के लिए एफएआर अलग-अलग है। संशोधित प्रावधानों के बाद समान क्षेत्रफल के प्लॉट पर एक से दो तल तक अधिक बना सकेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में भूमि की उपलब्धता कम होने से इसका विशेष फायदा मिलेगा।

 

अभी की अगर बात करे तो अभी प्लॉट साइज का 35 से 65 फीसदी तक कवर्ड एरिया होता है, जिसे पांच से 10 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। कुल प्लॉट के अधिकतम 65 फीसदी क्षेत्रफल पर ही निर्माण किया जा सकता है। महंगी जमीन में लोग आसानी से इतनी जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं होते हैं। कवर्ड एरिया में बढ़ावा होने से समान क्षेत्रफल के प्लॉट पर ज्यादा जगह घेरकर निर्माण किया जा सकेगा।

 

रोड बाइंडिंग में भी मिलेगी छूट..

अभी ज्यादातर जगह सड़कें कम चौड़ी होने की समस्या आ रही है। मौजूदा बायलॉज के अनुसार न्यूनतम नौ मीटर (30 फीट) चौड़ी सड़क पर ही आवासीय नक्शा पास किया जा सकता है। सड़क की चौड़ाई कम होने की दशा में प्लॉट पर रोड बाइंडिंग छोड़नी होती है। उदाहरण के तौर पर किसी स्थान पर अगर 20 फीट की सड़क है, तो वहां दोनों तरफ मिलाकर 10 फीट जमीन छोड़नी होगी। दोनों तरफ पांच-पांच फीट की जमीन छोड़नी अनिवार्य होगी।

बायलॉज में संशोधन के लिए एमडीडीए वीसी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाई गई है, जिसमें वीसी ऊधम सिंह नगर जिला विकास प्राधिकरण, नैनीताल और चीफ टाउन प्लानर सदस्य हैं। लोगों की सुविधाओं और दिक्कतों के अनुसार इसमें संशोधन किए गए हैं।

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