आईआईटी मुंबई से स्नातक करने के बाद मनोहर परिकर ने राजनीतिक पथ पर अपने कदम बढ़ाए थे। 1944 में परिकर को भारतीय जनता पार्टी से सदस्य के रूप में विधानसभा में चयनित किया गया था। साल 2000 में वह गोवा के मुख्यमंत्री बने। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अमूल्य योगदान देने वाले परिकर अपने शुरुआती जीवन से अनुशासन और नियमों का ध्यान रखते थे।
शुरुआती जीवन
- 1970 के दशक में परिकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। उन्होंने संघ स्वयंसेवक के रूप में कार्य किया और गई गतिविधियों में सहयोग किया।
- 1973 में परिकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में मुख्य शिक्षक बने। तब वह इंटरमीडिएट में थे। आईआईटी से स्नातक करने के बाद भी वह संघ को अपनी सेवाएं देते रहे।
- 1978 में परिकर ने आईआईटी मुंबई से धातुकर्म इंजीनियरिंग से स्नातक किया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मारगाव के लोयोला हाईस्कूल से हुई थी।
- 1981 में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में संघचालक बने। वह उत्तरी गोवा की संघ इकाई में सक्रिय थे। 1992 में हुए रामजन्मभूमि आंदोलन के मुख्य आयोजक थे।
- 2000 में परिकर ने पहली बार गोवा कि कमान संभाली और मुख्यमंत्री बने।
- 2002 में परिकर ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
- 2005 में मनोहर परिकर की सरकार विधानसभा में अल्पमत में आ गई थी। भाजपा के चार विधायकों ने सदन से इस्तीफा दे दिया था।
- 2007 में दिगंबर कामत के नेतृत्व में कांग्रेस ने गोवा चुनाव में परिकर को हराया।
- 2012 परिकर के नेतृत्व में भाजपा ने गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ जीत दर्ज की।
- 2014 में मनोहर परिकर को रक्षा मंत्रालय का भार सौंपा गया। उन्होंने अरुण जेटली का स्थान लिया था।
- 2017 में मनोहर परिकर ने एक बार फिर गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।