उत्तराखंड

दंगाईयों को रोकने में पुलिस प्रशासन रहा नाकाम

रोहित डिमरी
घटना के दोषियों को हिरासत में लेने की मांग
वामपंथियों ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
रुद्रप्रयाग। जनपद के अगस्त्यमुनि शहर में असामाजिक तत्वों द्वारा किये गये हंगामे से आक्रोशित वामपंथी पार्टियों ने संयुक्त बैठक कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की। वाम पंथियों ने एक स्वर में कहा कि देश की अखण्डता और एकता को तोड़ने के लिए साम्प्रदायिक दंगे को अंजाम दिया गया, जिसे रोकने में पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता सामने आई है। दंगे की सूचना पहले से होने के बावजूद भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे दिखाई दिया। दंगाईयों को रोकने के वजाय पुलिस के जवान वीडियो लेते हुए दिखाई दिये।

मुख्यालय में वामपंथी माकपा, माकपा (माले) एवं भाकपा की संयुक्त बैठक आहूत की गई, जिसमें अगस्त्यमुनि क्षेत्र में हुई साम्प्रदायिक घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। कहा गया कि जिस प्रकार से अल्पसंख्यकों की दुकानों में आगजनी, तोड़फोड़ और नफरत का माहौल बनाया गया, वह समूचे राज्य में साम्प्रदायिक दंगा फैलाने की साजिश का एक उदाहरण है। असामाजिक तत्वों ने सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों से बलात्कार की झूठी अफवाह का इस्तेमाल करते हुए मुस्लिम व्यापारियों की दुकानों को नुकसान पहुंचाया और आतंक व भय का माहौल रचकर नगर को शर्मशार किया। इस पूरे मामले में जिला प्रशासन और पुलिस की लापरवाही संदिग्ध है। यदि समय रहते प्रशासन सक्रियता दिखाता तो दंगा, राजनीति को नाकाम किया जा सकता था, मगर ऐसा नहीं किया गया। वामपंथियों ने बैठक के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन में वामपंथियों ने कहा कि अगस्त्यमुनि में माहौल बनाने के लिए तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने की आवश्यकता है। इसके लिए साम्प्रदायिक दंगा-राजनीति के वास्तविक अपराधियों की गिरफ्तारी, पीड़ित मुस्लिम व्यापारियों के नुकसान की भरपाई, नगर और जनपद में अमन-चैन के लिए पूरी तैयारी और कोशिश की जाय और इस दिशा में सोशल मीडिया के माध्यमों से दंगा-राजनीति का दुष्प्रभाव करने वाले दर्शन भारती व अन्य चिन्हित नामों को हिरासत में लिया जाय। पीड़ितों को फौरी राहत तत्काल दी जाय और लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाय। अगस्त्यमुनि नगर के सीसीटीवी कैमरों के आधार पर वास्तविक दंगाइयों की शिनाख्त की जाय और निर्दोशों को बरी किया जाय। बैठक में कामरेड गंगाधर नौटियाल, वीरेन्द्र गोस्वामी, अतुल सती, महावीर बुटोला, ललिता प्रसाद भट्ट, उमा नौटियाल, जयनारायण नौटियाल, सुधीर रौथाण सहित कई मौजूद थे।

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