उत्तराखंड

ऊखीमठ तहसील में शीघ्र हो स्थाई उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार की तैनाती..

बर-बार जिलाधिकारी बदले जाने से जिले का विकास हो रहा है प्रभावित..

रुद्रप्रयाग जनपद वर्तमान समय में लावारिश हालात में..

रुद्रप्रयाग : वर्तमान समय में लावारिश हालात में है। जहां मात्र कुछ महीनों में ही जिलाधिकारी का स्थानांतरण हुआ है। वहीं ऊखीमठ तहसील में विगत कई माह से उपजिलाधिकारी के अलावा तहसीलदार नहीं है। ऐसी स्थिति में जिले का विकास प्रभावित हो रहा है और आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान समय में केदारनाथ धाम की यात्रा बहुत अच्छी चल रही थी, लेकिन जिलाधिकारी का तबादला होने से यात्रा भी बुरा असर पड़ेगा।

 

जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी ने कहा कि रुद्रप्रयाग जनपद की हालात को जानने वाला कोई नहीं है। जब मर्जी आये, तब प्रदेश सरकार रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारियों का तबादला कर रही है। ऐसे में जनपद का विकास प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले लंबे समय से ऊखीमठ तहसील में उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार का पद रिक्त चल रहा है। तहसील ऊखीमठ से ही केदारनाथ यात्रा का संचालन होता है, लेकिन यहां अधिकारियों के न होने से यात्रा भी प्रभावित हो रही है। श्री तिवारी ने कहा कि वर्तमान में स्थिति यह है कि एक उपजिलाधिकारी के भरोसे तीन-तीन तहसीलों का संचालन हो रहा है, इससे बड़ा दुर्भाग्य जिले का ओर कुछ नहीं हो सकता है। जनप्रतिनिधि भी इस दिशा में चुप्पी साधे हुये हैं। इससे जहां जिले का विकास प्रभावित हो रहा है, वहीं आम जनता की परेशानियां भी बढ़ती जा रही हैं।

जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी ने कहा कि अंतिम चरण की केदारनाथ यात्रा ने जोर पकड़ दिया था। भारी संख्या में तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम की यात्रा पर आ रहे थे, लेकिन रुद्रप्रयाग की जिलाधिकारी का तबादला होने से यात्रा भी इसका बुरा असर पड़ेगा। तीन दिन का समय गुजर गया है। शासन ने अभी नये जिलाधिकारी की नियुक्ति भी नहीं की है। ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि लावारिश हालात में पड़े रुद्रप्रयाग जनपद की सुध लेने को कोई तैयार नहीं है। जनता प्रत्येक दिन ऊखीमठ तहसील के चक्कर काट रही है, लेकिन अधिकारियों के न होने से जनता को बैरंग ही लौटना पड़ रहा है। श्री तिवारी ने सख्त चेतावनी देते हुये कहा कि यदि शीघ्र ही तहसील ऊखीमठ में स्थाई उपजिलाधिकारी के अलावा तहसीलदार की तैनाती नहीं की जाती है तो जनता को साथ लेकर सड़कों पर आंदोलन किया जायेगा। जनता की समस्याओं को लेकर वह कुछ भी कर-गुजरने के लिये तैयार हैं।

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