उत्तराखंड

गैरसैण राजधानी के लिए रुद्रप्रयाग में दो को संकल्प रैली

गैरसैण राजधानी के लिए रुद्रप्रयाग में दो को संकल्प रैली
जनपदवासियों से बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील

रुद्रप्रयाग। स्थायी राजधानी गैरसैण की माँग को लेकर स्थायी राजधानी गैरसैण संघर्ष समिति ने गाँधी जयंती के अवसर पर रुद्रप्रयाग में एक विशाल संकल्प रैली का आयोजन करने का निर्णय लिया है। यह रैली संगम बाजार से शुरू होकर रुद्रा बैंड और वहां से नया बस अड्डा रुद्रप्रयाग पहुँचेगी, जहाँ एक विशाल जनसभा में उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर संकल्प लिया जाएगा कि गैरसैण स्थाई राजधानी के लिए संघर्ष समिति प्रदेशवासियों के सहयोग से निर्णायक आंदोलन आरम्भ करेगी तथा उसे पूरा करने के लिए बड़े से बड़ा बलिदान भी देने को तैयार रहेगी।

संघर्ष समिति की कोर ग्रुप की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने बताया कि इसकी तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। राजधानीविहीन राज्य देकर राज्यवासियों को वर्षों तक उलझाए रखने और पर्वतीय राज्य की अवधारणा को ही छिन्नभिन्न करने के राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के षड्यंत्र को उत्तराखंडवासियों के साथ एक बड़ा धोखा बताते हुए कोर ग्रुप की बैठक में कहा गया कि स्थायी राजधानी गैरसैण में बनाये बिना उत्तराखंड राज्य की वास्तविक अवधारणा को धरातल पर नहीं उतारा जा सकता।

अस्थायी राजधानी के नाम पर देहरादून में पैसे की बंदरबाँट और कुछ धन्नासेठों को लाभ पहुंचाने के अलावा बीते 18 वर्षों में 9 सरकारों ने ऐसा कुछ नहीं किया है, जिससे राज्य के आंदोलन की सार्थकता सिद्ध हो। बल्कि कई मामलों में राज्य की अवधारणा आशा की बजाय निराशा का सबब बन जाती है। खासकर राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार और बढ़ता कर्ज, बेरोजगारी, पलायन, खाली होते गाँव और मलिन बस्तियों में तब्दील होते नगर निकाय, पहाड़ों के विकास के लिए कोई नीति-नियम न बना पाना सरकारों की बड़ी नाकामियां हैं। राजधानी का सवाल हल न करना राजनीतिक दलों की सबसे बड़ी असफलता है और इसके बिना राज्य बिना सिर का शरीर जैसा है।

संघर्ष समिति का कहना है कि स्थायी राजधानी गैरसैण और राज्य की वास्तविक अवधारणा को मूर्त्त रूप देने के लिए एक बार राज्य की जनता को फिर से सड़कों पर उतरना होगा। समिति ने जिले की प्रबुद्ध जनता से अपील की है कि वह बड़ी संख्या में इस रैली और श्रद्धांजलि सभा में सहभागी बनकर अपनी भावना का प्रदर्शन करे और सरकार को अपने तीखे तेवर दिखाकर स्थायी राजधानी गैरसैण की घोषणा अविलंब करने के लिए बाध्य करे।

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