पौड़ी संसदीय सीट पर रोचक मुकाबला
मनीष पर भारी पड़ सकते हैं कर्नल कोठियाल
पौड़ी : पौड़ी संसदीय सीट से भाजपा के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल का पलड़ा पहली नजर में ही भारी नजर आ रहा है। उनका मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार मनीष खडूड़ी से है। राजनीतिक हलकों में इस हाॅट सीट को लेकर अभी से कयासों का दौर लग रहा है।
जानकारों का कहना है कि कर्नल कोठियाल के कार्य और बेदाग छवि उनके जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी जबकि कांग्रेस के मनीष को राजनीति में नौसिखिया होने का नुकसान होगा। हालांकि उनके साथ यह सकारात्मक बात है कि वो एक बेदाग राजनेता मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी के पुत्र हैं। ऐसे में मुकाबला रोचक बना हुआ है।
पौड़ी लोकसभा सीट पर इस बार फौजी घरानों का मुकाबला है। इस कारण सभी की नजरें इस सीट पर हैं। कर्नल (रि.) अजय कोठियाल बहुत ही लोकप्रिय शख्सियत हैं। फौज में रहते हुए उन्होंने एवरेस्ट फतह की साथ ही कई अन्य चोटियों पर भी तिरंगा लहराया। इसके बाद एनआईएम के प्रधानाचार्य रहते हुए उन्होंने 2015 की आपदा के समय गंगोत्री इलाके में छह हजार से भी अधिक लोगों का जीवन बचाने का काम किया।
इसके बाद जब आपदा में केदारपुरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गया और वहां तक जाने की राह भी नहीं बची तो केदारनाथ की डगर बनाने का काम भी कर्नल अजय कोठियाल की टीम ने किया। रामबाड़ा से केदारनाथ तक ध्वस्त रास्ता उन्होंने रिकार्ड तीन माह में तैयार कर दिया। इसके बाद केदारपुरी को सुरक्षित करने और उसके पुनर्निर्माण के नायक भी कर्नल कोठियाल रहे हैं। कर्नल अजय कोठियाल ने सेना में रहते ही यूथ फाउंडेशन का गठन किया। यूथ फाउंडेशन के माध्यम से उन्होंने युवकों को सेना में जाने के लिए निशुल्क प्रशिक्षण दिया। पिछले चार वर्षों के दौरान यूथ फाउंडेशन के माध्यम से उन्होंने आठ हजार युवाओं को सेना और अर्द्धसैनिक बलों में भर्ती किया है। उनका लक्ष्य उत्तराखंड के 80 हजार युवाओं को सेना में भर्ती करवाना है।
इसके अलावा भी कर्नल कोठियाल विभिन्न सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में भी जुड़े रहते हैं। इसका सीधा लाभ उन्हें राजनीतिक रूप से मिलेगा। दूसरी ओर मनीष खंडूड़ी अब तक राजनीतिक व सामाजिक परिदृश्य से दूर रहे हैं। उनके साथ एक ही तमगा है कि उत्तराखंड की राजनीति के पुरोधा मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी के पुत्र हैं।
राजनीतिक गलियारों में इसे कर्नल कोठियाल के समर्थन में एकतरफा मुकाबला माना जा रहा है लेकिन कर्नल कोठियाल समर्थकों का कहना है कि मुकाबला आसान नहीं है। विरोधी को कमतर आंकना ठीक नहीं होगा। उनके अनुसार कर्नल कोठियाल राजनीति में शुचिता लाने और समाजसेवा के लिए आए हैं। उनके पास एक विजन है और वह पहाड़ को दोबारा से बसाना चाहते हैं।