उत्तराखंड

पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए अध्यादेश गैरकानूूनी – कमिश्नर पांगती

पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने संबंधी प्रस्तावित अध्यादेश हो निरस्त: पीसी थपलियाल
उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक एवं अर्द्धसैनिक संयुक्त संगठन ने लगाई राज्यपाल से गुहार

गुणानन्द जखमोला

देहरादून। उत्तराखंड की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्रियों को दिये जाने वाली सुविधाओं के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लाए जा रहे प्रस्तावित अध्यादेश को जनता के साथ धोखा करार दिया है। उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक एवं अर्द्धसैनिक संयुक्त संगठन के नेतृत्व में लगभग दर्जन भर संगठनों ने आज परेड ग्राउंड से घंटाघर चैक तक डौर-थाली रैली निकाली। संगठन के महासचिव पीसी थपलियाल ने कहा कि यह कैसी सरकार है जो हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश ला रही है ताकि पूर्व मुख्यमंत्रियों को बेवजह लाभ मिल सके। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मौजूदा मुखिया को अपने पूर्व होने की चिन्ता सता रही है। इस संबंध में संगठनों ने राज्यपाल को ज्ञापन दिया और इस अध्यादेश को वापस लौटाने की मांग की है। डौंर थाली रैली परेड ग्राउंड स्थित राजधानी गैरसैंण निर्माण मंच से होकर घंटाघर स्थिति इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा तक गयी। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बेेरीकेड्स तोड़ दिये।
सामाजिक संगठनों ने इससे पहले परेड ग्राउंड में डौंर-थाली बजा कर इस अध्यादेश का विरोध किया। गढ़वाल मंडल के पूर्व कमिश्नर एसएस पांगती ने कहा कि नैनीताल उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका की विधिवत सुनवाई कर, पूर्व मुख्यमंत्रियो को आबन्टित सरकारी आवासो को खाली करवाने का आदेश जारी किया था। लेकिन इसके विरोध में प्रदेश सरकार अध्यादेश ला रही है ताकि पूर्व सीएम और सांसदों की सुविधाएं बरकरार रखी जाएं जो कि पूरी तरह से जनता पर आर्थिक बोझ है जबकि सभी नेता अपने बोझ को उठाने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने अपना न्यायिक मत व्यक्त किया है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा सरकारी आवास खाली न करना गैर कानूनी है। इस विधि विरुद्ध कार्य को अध्यादेश पारित कर, कैसे वैध ठहराया जा सकता है? उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी वित्तीय विपन्नता का रोना रो कर समय समय पर केन्द्रीय सरकार से सहायता की गुहार लगाती रहती है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्रियो को अवैध तरीके से आवास के साथ अन्य सुविधायें उपलब्ध कराना, देश के नागरिको से कर वसूल कर गठित राज्य के संचित-निधि का दुरुपयोग और जनविरोधी कार्य है। इस रैली में रघुबीर बिष्ट, मनोज ध्यानी, प्रेम बहुखंडी, एलएन डिमरी समेत कई प्रमुख लोग मौजूद थे।

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