उत्तराखंड

सार्वजनिक आयोजनों में अधिकतम 100 लोग ही होंगे शामिल..

बाहर से आने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य..

उत्तराखंड : बंद स्थानों पर आयोजित होने वाले धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनैतिक, मनोरंजन, शैक्षिणक व खेल समारोहों में अब अधिकतम 100 लोग ही शिरकत कर सकेंगे। पहले यह संख्या 200 थी, लेकिन संक्रमण बढ़ने की वजह से सरकार ने इसमें कटौती कर दी है। हालांकि खुले स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेसिंग के साथ कितने भी लोग शामिल हो सकेंगे। उधर, उत्तराखंड में बाहर से आने वाले लोगों को हर सूरत में पंजीकरण कराना जरूरी होगा।

रविवार को अनलॉक की प्रक्रिया के तहत मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने यह आदेश किए हैं। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने बताया कि बंद स्थानों पर 50 प्रतिशत क्षमता के साथ पहले अधिकतम 200 लोग एकत्र हो सकते थे। लेकिन अब इसे कम कर दिया गया है। सिनेमाहॉल, थियेटर में पूर्व की ही भांति पचास प्रतिशत क्षमता के साथ चलते रहेंगे। स्वीमिंग पूल में भी पचास प्रतिशत क्षमता के साथ खेल प्रशिक्षण के कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। एसओपी में सरकारी दफ्तरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, इंडस्ट्री आदि में सोशल डिस्टेसिंग और मास्क के नियमों का पूरी तरह पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

 

 

राज्य में बाहर से आने के लिए पंजीकरण की व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं और कंट्रोल रूम से भी इस पर निगरानी रखी जाएगी। लोगों को आने से पूर्व स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कर यात्रा की जानकारी भी देनी होगी। पर्यटन की दृष्टि से आ रहे लोगों के लिए भी पंजीकरण जरूरी होगा। हालांकि पर्यटकों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी नहीं है। विदेश से राज्य में आने वाले व्यक्ति के लिए भी यात्रा से पहले पूर्व की भांति पंजीकरण अनिवार्य होगा।

सरकार की ओर से जारी एसओपी के अनुसार कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जिले के भीतर जिलाधिकारी जरूरत के अनुसार कर्फ्यू लगा सकते हैं। कर्फ्यू पूरे जिले में लगाया जाएगा या किसी अन्य निश्चित एरिया में यह जिलाधिकारी ही तय करेंगे। संक्रमण रोकने के लिए रात का कर्फ्यू भी लगाया जा सकता है। हालांकि जिला प्रशासन को लॉकडाउन लगाने का अधिकार नहीं दिया गया है।

पंजीकरण की व्यवस्था जारी, पास की जरूरत नहीं..

राज्य में प्रवेश करने के लिए नई एसओपी में पंजीकरण की व्यवस्था को बरकरार रखा गया है। यह स्पष्ट कर दिया गया है कि आवाजाही के लिए किसी पास या ई पास की जरूरत नहीं होगी। बस स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा।

96 घंटे के भीतर की नेगेटिव रिपोर्ट तो क्वारंटाइन नहीं..

एसओपी के अनुसार यदि कोई व्यक्ति बाहर से राज्य में आता है और उसके पास 96 घंटे के भीतर की कोविड जांच की नेगेटिव रिपोर्ट है तो ऐसे व्यक्ति को राज्य में कहीं भी जाने की इजाजत होगी और क्वारंटाइन रहने की भी जरूरत नहीं है। लेकिन यदि कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट नहीं है और राज्य में सात दिन से अधिक की अवधि के लिए आ रहे हैं तो फिर 10 दिन के लिए क्वारंटाइन रहना होगा। सात दिन से कम की अवधि के लिए आने पर क्वारंटाइन की जरूरत नहीं होगी।

 

 

राज्य का व्यक्ति यदि किसी कार्य से पांच दिन से कम अवधि के लिए बाहर जाता है तो वापसी पर उसे भी क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा। केंद्र व राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक, अफसर, जज आदि श्रेणी के लोगों को भी क्वारंटाइन रहने की जरूरत नहीं होगी। इस संदर्भ में सभी नियम पूर्व की भांति रखे गए हैं।

पर्यटकों के लिए पहले के नियमों में बदलाव नहीं..

पर्यटकों को होटल या होम स्टे में आने से पहले कोविड टेस्ट कराना जरूरी नहीं है, लेकिन होटल आदि में चेक इन से पहले थर्मल स्क्रीनिंग होगी और लक्षण पाए जाने पर प्रशासन की ओर से संबंधित एसओपी के तहत कार्यवाही की जाएगी।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top