उत्तराखंड

व्यवसाय शुरू करने के लिए कोई उम्र या शिक्षा नहीं रखती मायने: मयूर..

व्यवसाय शुरू करने के लिए कोई उम्र या शिक्षा नहीं रखती मायने: मयूर..

जिला उद्योग केंद्र की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन..

जिले में डिस्ट्रिक्ट रिसर्च स्टार्ट अप एंड इनोवेशन काउंसिल ’’दृष्टि’’ की गई है स्थापित..

सिंगल विंडो सिस्टम की तर्ज पर काम कर रहा दृष्टि..

डीएम ने कार्यशाला में छात्रों को दी जानकारी..

 

 

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। स्वरोजगार कर उद्यमी बनने का सपना देख रहे युवाओं का मार्ग-दर्शन और सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं की जानकारी देने के लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। सोमवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में आयोजित कार्यशाला में स्टार्ट अप उत्तराखंड के प्रतिनिधियों ने युवाओं को केंद्र व राज्य सरकार की स्टार्ट अप नीति की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पाॅलीटेक्निक, महाविद्यालय सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राओं ने औद्योगिक इकाई शुरू करने के गुर सीखे।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कार्यशाला में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि जिला उद्योग केंद्र की अगुवाई में डिस्ट्रिक्ट रिसर्च स्टार्ट अप एंड इनोवेशन काउंसिल ’’दृष्टि’’ स्थापित की गई है। दृष्टि जिले की सिंगल विंडो सिस्टम की तर्ज पर काम कर रहा है, जिसकी मदद से जिले में उद्योग स्थापित करने की चाह रखने वाले लोगों को संबंधित विभागों, बैंक या अन्य संस्थानों से जुड़ी औपचारिकताओं को प्राथमिकता से पूर्ण करवाया जा रहा है। टीम लीडर स्टार्ट अप उत्तराखंड सिद्धार्थ शुक्ला ने कार्यशाला में स्टार्ट अप या उद्यम स्थापित करने का सपना देख रहे लोगों को स्टार्ट अप नीतियों की चरणबद्ध जानकारी दी। उन्होंने कहा कि व्यवसाय शुरू करने के लिए कोई उम्र या शिक्षा मायने नहीं रखती।

अगर आपके पास एक बेहतर आइडिया है तो आप कभी भी अपना सफल व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं। शुक्ला ने बताया कि राज्य सरकार स्टार्ट अप उत्तराखंड कार्यक्रम के तहत प्रति वर्ष सभी जिलों में बूस्ट कैंप आयोजित करती है, जहां से सबसे बेहतर स्टार्ट अप आइडिया को राज्य स्तर पर पेश किया जाता है। राज्य के सर्वश्रेष्ठ दस आइडिया को राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित करती है। बताया कि राज्य सरकार की ओर से गठित समितियां व्यवसाय स्थापित करने के लिए हर स्तर पर सहायता उपलब्ध करवाती हैं।

कार्यशाला के समापन पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में ’’इंक्यूबेटर सेल’’ स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने का सुझाव दिया ताकि जिले के युवाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए नियमित मार्गदर्शन मिल सके। साथ ही उद्योग स्थापित करने के लिए हर संभव मदद भी प्राप्त हो सके। उन्होंने जिला उद्योग केंद्र के साथ मिलकर समय-समय पर बूस्ट कैंप आयोजित करने के निर्देश भी दिए।

जिलाधिकारी ने उद्योग संबंधी कार्यशालाओं में जिले में सफल व्यवसाय कर रहे उद्यमियों व महिला समूहों को शामिल करने का सुझाव दिया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र एचसी हटवाल, लीड बैंक अधिकारी विवेक कुमार, परियोजना निदेशक रमेश चंद्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता अरोड़ा, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि प्रो. पुष्पा नेगी सहित विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

 

 

 

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