उत्तराखंड

जिले में आरक्षण पर कुल 86 आपत्तियां दर्ज…..

प्रधान पदों पर अत्यधिक आपत्तियां दर्ज करा रही जनता

आरक्षण जारी होने के बाद बरसाती मेढ़कों की तरह सामने आने लगे प्रत्याशी

रुद्रप्रयाग। जिले में प्रधान, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत पदों पर जारी हुये आरक्षण में 86 आपत्तियां दर्ज हुई हैं। सबसे अधिक आपत्तियां ग्राम प्रधान पदों पर दर्ज हुई हैं। इसके बाद क्षेत्र पंचायत और फिर जिला पंचायत सदस्य पदों पर आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं। गुरूवार के दिन सुनवाई भी गई। शुक्रवार को भी आपत्तियों पर सुनवाई की जायेगी।

पंचायतों चुनावों के लिये आरक्षण जारी होने के बाद चुनावी घमसान मचना शुरू हो गया है। फिलहाल सोशल मीडिया के जरिये प्रत्याशी सामने आ रहे हैं। फिलहाल सबसे बड़ा घमासान जिला पंचायत सदस्य के पदों पर मचा हुआ है। खासकर कई जिला पंचायत सीटों पर जारी हुये आरक्षण के बाद विरोध के स्वर भी फूट रहे हैं। जिला पंचायत सीटों पर प्रत्याशी बरसाती मेढ़कों की तरह एक दम से सामने आने लगे हैं। कई प्रत्याशी ऐसे भी हैं, जो आज तक जनता के बीच कही नहीं थे, लेकिन अचानक सामने आने के बाद जनता भी आश्चर्यचकित है।

तीन विकासखण्ड़ों वाले रुद्रप्रयाग जनपद में सबसे बड़़ा विकासखण्ड अगस्त्यमुनि है। अगस्त्यमुनि में जहां 159 ग्राम पंचायतें हैं, वहीं 40 क्षेत्र पंचायत सदस्य के पद हैं। दूसरे नंबर पर विकासखण्ड जखोली आता है, जहां 108 ग्राम प्रधान और 40 क्षेत्र पंचायत सदस्य के पद हैं। वहीं विकासखण्ड ऊखीमठ में 69 ग्राम पंचायते तो 37 क्षेत्र पंचायत सदस्य के पद हैं। जबकि पूरे जिले में 18 जिला पंचायत की सीटें हैं।

जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों में इस बार आरक्षण की स्थिति अजीबो-गरीब है। कई ग्राम पंचायतों पर प्रधान पद के उम्मीदवार भी नहीं मिल रहे हैं। कई ऐसे भी गांव हैं, जहां प्रधान पद एससी आरक्षित है, लेकिन वहां एससी लोग निवासरत नहीं हैं। यही हाल ओबीसी आरक्षित पदो ंके भी हैं। कालीमठ जिला पंचायत क्षेत्र की बात करें तो संजय कुमार ने कालीमठ जिला पंचायत सीट को अनारक्षित करने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि इस बार कालीमठ जिला पंचायत सीट अनुसूचित जाति पुरूष होनी चाहिये थी।

बहरहाल, चुनाव संपंन होने में अभी समय बाकी है, लेकिन प्रत्याशी अभी से मैदान में डट गये हैं। जिला पंचायत सदस्य से अधिक घमासान प्रधान पदों पर हो रहा है। प्रधान बनने में गांवों में होड़ लगी हुई है। भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी इसमे कही भी पीछे नहीं हैं।

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