उत्तराखंड

जिला चिकित्सालय में यात्रियों को नहीं मिल पा रहा उपचार

उपचार के बजाय यात्रियों से घंटों तक कराया जा रहा इंतजार
आंखों का डाॅक्टर कर रहा पेट की बीमारी का उपचार
रुद्रप्रयाग।
रुद्रप्रयाग चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव है। आये दिन यहां से बद्री-केदार की यात्रा पर हजारों तीर्थ यात्री पहुंचते हैं। लंबा सफर करते-करते कई बार यात्री बीमार हो जाते हैं और वह जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग पहुंचते हैं, लेकिन इसे यात्रियों का बदनसीब ही कहेंगे कि उपचार कराने के बजाय यात्रियों को घंटों तक इंतजार करवाया जा रहा है। रात्रि के समय चिकित्सालय पहुंचने वाले मरीजों को अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सालय में मरीजों को कोई पूछने वाला तक नहीं है। चिकित्सालय प्रबंधन की इस प्रकार की लापरवाही ने यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ देने के दावों की पोल खोल दी है।

चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन यहां मरीजों को उपचार के बजाय घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय तो बदहाल दौर से गुजर रहा है। यहां मरीजों को प्राथमिक उपचार तक सही से नहीं मिल पा रहा है। जो भी मरीज चिकित्सालय पहुंच रहा है, उसे सीधे बेस चिकित्सालय श्रीकोट के लिये रेफर किया जा रहा है। इसके अलावा चिकित्सालय में आवश्यक उपकरणों के साथ ही चिकित्सकों की भारी कमी है। 22 चिकित्सकों के सापेक्ष मात्र दस से 12 चिकित्सक यहां तैनात किये गये हैं। इमरजेंसी में तो चिकित्सक भी मरीजों के प्रति लापरवाह बने हुये हैं। मरीज रात को बाहर लेट रखे हैं, लेकिन चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक एवं अन्य लोग सुध लेने के लिये तैयार नहीं हैं।

सोमवार रात को जिला चिकित्सालय में मरीजों के साथ अजीब स्थिति देखने को मिली। इमरजेंसी में आंखों के डाॅक्टर को तैनात किया गया था। इस दौरान पेट और छाती दर्द के कुछ मामले आ गये। पहले तो डाॅक्टर ने मरीजों पर कई इंजेक्शन लगवाए, लेकिन जब किसी भी प्रकार से कोई राहत नहीं मिली तो मरीजों को श्रीनगर के लिये रेफर किया गया। केदारनाथ यात्रा पर आये कुछ मरीजों का भी स्वास्थ्य खराब हो गया। मरीज रात के समय तिलवाड़ा से जिला चिकित्सालय पहुंचे, लेकिन यहां मरीजों का उपचार करने के बजाय उन्हें घंटों तक इंतजार करवाया गया। इस बीच मरीज बेसुध होकर पड़े रहे, लेकिन किसी भी डाॅक्टर या अन्य लोगों ने मरीजों की सुध नहीं ली। बाद में जब स्थानीय लोगों ने हल्ला मचाना शुरू किया तो तब चिकित्सालय प्रबंधन कुछ हद तक हरकत में आया।

जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग मात्र रेफर सेंटर बनकर रह गया है। चिकित्सालय में मरीजों को तो न समय पर उपचार मिल पा रहा है और न उनके साथ अच्छा व्यवहार किया जा रहा है। खासकर तीर्थ यात्रा पर आये यात्रियांे की ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। कुल मिलाकर देखा जाय तो जिला चिकित्सालय राम भरोसे संचालित हो रहा है। चिकित्सालय में मरीज और तीमारदार बेसुध पड़े हैं। चिकित्सालय में मरीजों को मिलने वाले भोजन में किोई गुणवत्ता नहीं है। आंख का डाॅक्टर पेट की बीमार का इलजा कर रहा है। वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि अगर इस प्रकार की लापरवाही की जा रही है तो यह बर्दाश्त नहीं होगी। चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं।

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