पटना के इंजीनियर का चमोली हादसे में अभी तक नहीं मिल पाया है कोई सुराग..
देश-विदेश : उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की वजह से आए मलबे में लापता रानीतालाब थाना क्षेत्र के निसरपुरा गांव निवासी इंजीनियर मनीष कुमार का मंगलवार शाम तक कोई पता नहीं मिल पाया है । उधर, परिवार में स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। लोगों ने पूजा-पाठ कर उनकी सलामती के लिए दुआ भी की है।
लापता इंजीनियर के भाई ने सरकार पर जताई नाराजगी..
उत्तराखंड के जोशीमठ पहुंचे उनके बड़े भाई मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि ओम मेटल प्रोजेक्ट कंपनी के अधिकारी भाई की तलाश में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसी कंपनी में मनीष के साथ लगभग तीन-चार दर्जन कर्मी काम कर रहे थे।
कार्यस्थल पर जमा हो गया है 50 से 60 फीट ऊंचा मलबा..
बताया जा रहा कि कार्यस्थल पर लगभग 50 से 60 फीट मलबा जमा है, जिसे कंपनी हटवाने में असमर्थ है। स्थानीय प्रशासन की ओर से भी इस संदर्भ में कोई पहल नहीं शुरू की गई है। जलजले का मलबा हटाने के लिए कोई पहल नहीं होने से लापता इंजीनियर के भाई ने उत्तराखंड सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की है।
बिहार सरकार से मांगा भाई को ढूंढने में सहयोग..
मृत्युंजय कुमार सिंह ने बिहार सरकार से भाई की खोज में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वह बिना भाई की तलाश पूरी हुए नहीं वापस लौटेंगे। उन्होंने बताया कि उनके जैसे ढेरों लोग अपने स्वजनों को खोजने जोशीमठ पहुंचे हैं। हर आदमी अपने स्वजन के लिए उतना ही परेशान है।
लापता इंजीनियर की सलामती के लिए पूजा..
दूसरी ओर, लापता इंजीनियर के गांव में उनकी सलामती के लिए कई जगहों पर पूजा-पाठ किया गया। इस दौरान लोगों ने उनके जिंदा होने की दुआएं कीं। स्वजनों के साथ स्थानीय ग्रामीणों ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पूर्व विधायक जयवर्धन यादव से सहयोग करने की अपील की है।