मानसिक व शारीरिक विकास के लिये आवश्यक है दवा..
कोविड 19 के मानकों के तहत खिलाई जायेगी बच्चों को दवा..
रुद्रप्रयाग: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की बैठक के दौरान जनपद के विकास खंडों के अंतर्गत कुल 72,164 बच्चों को दवाई खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें एक से छह वर्ष तक के 12,038 तथा छह से उन्नीस वर्ष तक के कुल 60,126 बच्चे शामिल हैं। मुख्य विकास अधिकारी भरत चंद्र भट्ट की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार कक्ष में आयोजित राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत हुई बैठक में एक से छह मार्च तक होने वाले कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर आवश्यक चर्चा की गयी।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर सीडीओ ने बताया कि मार्च के प्रथम सप्ताह में आयोजित होने वाले उक्त कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक घरों व स्कूलों में आशाओं द्वारा दवा खिलाई जाएगी। इससे पूर्व शुक्रवार से वेबनार के माध्यम से ब्लाॅक स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें ब्लाॅक स्तरीय नोडल अधिकारी शिक्षा, बाल विकास, पंचायती राज व स्वास्थ्य विभाग से एएनएम द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा।
जनपद में दवा की उपलब्धता व वितरण की स्थिति को लेकर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जितेंद्र नेगी ने बताया कि राज्य स्तर से तीनों विकास खंडों के लिये कुल 92,141 दवा प्राप्त हुई है। साथ ही उन्होंने ब्लाॅक स्तर पर पूर्व में शेष बची हुई दवा के विवरण के संबंध में भी जानकारी दी। बताया कि ब्लाॅक में दवा, फार्मेट वितरण के बाद ब्लाॅक से एएनएम सेंटर तक कृमि दवा वितरित की जाएगी इसके बाद एक से उन्नीस वर्ष तक के बच्चों को दवा खिलाने के लिये आशाओं को वितरित की जाएगी।
दवा वितरण को लेकर उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए कि खाली पेट दवा न खिलाई जाए। इसके अलावा मानसिक व शारीरिक विकास प्रभावित बच्चों को भी दवा नहीं दी जाएगी। यह दवाई घुलनशील नहीं होती, इसलिए इसे चबाकर खाने को कहा जाए तभी यह प्रभावशाली होती है।
दवाई के प्रतिकूल असर पर चक्कर, उल्टी, दस्त, खुजली के लक्षण दिखाई देने पर पानी दें तथा एएनएम अथवा आशा से संपर्क करें। बैठक में सीडीओ ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के लिये माॅनीटरिंग प्लान के लिये शिक्षा व बाल विकास को आपसी समन्वय बनाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी चित्रानन्द काला, माध्यमिक लक्ष्मन सिंह दानू, डाॅ. गोपाल सिंह सजवाण, जिला कार्यक्रम अधिकारी शैली प्रजापति, डॉ प्रांजलि, डॉ यामिनी, डाॅ. कृष्णकांत नौटियाल, आरबीएसके प्रबन्धक सुमन सहित अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।