आज है नेशनल डॉक्टर्स डे, जानिए पहली बार कब और क्यों मनाया गया था डॉक्टर्स डे..
जाने डॉक्टर्स डे का इतिहास और महत्व..
देश-विदेश: देश में आज एक जुलाई का दिन विशेष महत्व का है। हर साल 1 जुलाई डॉक्टर्स डे यानी राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग, जिनका जीवन किसी न किसी डॉक्टर से जुड़ा हो, वह चिकित्सक को धन्यवाद करते हैं। एक शिशु के तौर पर उन्हें इस दुनिया में लाने के लिए और उन्हें सेहतमंद रखने के लिए डॉक्टर के प्रयासों के लिए उनका आभार जताया जाता है।
साल 2022 डाक्टर्स डे की थीम को “फ्रंट लाइन पर फैमिली डॉक्टर्स” की थीम के तहत सेलिब्रेट किया जा रहा है. समाज में भगवान का दर्जा पा चुके डॉक्टर्स की भूमिका हमने कोरोना काल के दौरान काफी करीब से देखा है. जिस मुस्तैदी के साथ कोरोना वॉरियर्स की भूमिका डॉक्टरों ने निभाई है, वाकई इसे डॉक्टर्स का समर्पण ही कहा जाएगा. ऐसे में साल का ये खास दिन सभी डॉक्टर्स के योगदान को समर्पित है
आपको बता दे कि भारत में पहली बार राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत साल 1991 से हुई थी। 1991 में केंद्र सरकार ने पहली बार डॉक्टर डे मनाया था। इस दिन को मनाने की शुरुआत एक डॉक्टर की याद में हुई थी। उनका नाम डॉ बिधान चंद्र राॅय था। बता दे कि डॉ बिधान चंद्र राय बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री थे । वह एक चिकित्सक भी थे, जिनका चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान था।
डॉक्टर बिधान चंद्र राॅय ने जादवपुर टीबी मेडिकल संस्थान की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह भारत के उपमहाद्वीप में पहले चिकित्सा सलाहकार के तौर पर प्रसिद्ध हुए। 4 फरवरी, 1961 को डॉ बिधान चंद्र राॅय को भारत रत्न के सम्मान से भी नवाजा गया। उन्होंने मानवता की सेवा में अभूतपूर्व योगदान को मान्यता देने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस को मनाने की शुरुआत की।
एक जुलाई को ही डॉक्टर दिवस मनाने की एक खास वजह भी है। महान चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र रॉय का जन्मदिन 1 जुलाई 1882 को हुआ था। इतना ही नहीं एक जुलाई 1962 को ही डॉ बिधान का निधन हुआ था। इसी वजह से उनके जन्मदिन और पुण्यतिथि के दिन पर ही उनकी याद में हर चिकित्सक को सम्मान देने के लिए एक जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की घोषणा की गई।