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एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ( नाग ) का फाइनल ट्रायल सफल..

एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल

एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का फाइनल ट्रायल सफल..

देश-विदेश :  भारत ने आज डीआरडीओ द्वारा विकसित नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का अंतिम परीक्षण एक वारहेड के साथ सफलतापूर्वक पूरा किया। आज सुबह 6 बज कर 45 मिनट पर मिसाइल का फाइनल ट्रायल पूरा किया गया। भारत ने करीब एक महीने में अलग-अलग तरीके की आधा दर्जन से अधिक ऐसी ही स्वदेशी मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है।

यह एंटी टैंक मिसाइल दुश्मन के टैंक समेत अन्य सैन्य वाहनों को सेकेंडों में समाप्त कर सकती है। इससे पहले भी अलग-अलग तरीके की नाग मिसाइलों के परीक्षण 2017, 2018 और 2019 में किये जा चुके हैं। हर बार इसमें कुछ नया जोड़ा जाता रहा है।पूरी तरह से देसी नाग मिसाइल वजन में काफी हल्की, मीडियम और छोटी रेंज की है जो फाइटर जेट, वॉर शिप समेत अन्य कई संसाधनों के साथ काम करती है। आज एक वारहेड के साथ नाग मिसाइल की तीसरी पीढ़ी का आखिरी परीक्षण किया गया है। इसमें अचूक निशाना लगाने की क्षमता है और दुश्मन के टैंक को नेस्तानाबूद कर सकती है।

 

 

यह उन पांच मिसाइल प्रणालियों में से एक है जो भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित की गई है। इसका विकास 300 करोड़ की लागत से किया गया है। इसकी मारक क्षमता 4 किमी. तक है। इसका पहला सफल परीक्षण नवम्बर 1990 में किया गया था। इसे ‘दागो और भूल जाओ’ टैंक रोधी मिसाइल भी कहा जाता है क्योंकि एक बार इसे दागे जाने के बाद पुनः निर्देशित कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती। 18 जुलाई 2019 को भी डीआरडीओ ने पोखरण के फायरिंग रेंज में नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।

सेना वर्तमान में दूसरी पीढ़ी के मिलान 2T और कोंकुर एटीजीएम का उपयोग कर रही है और तीसरी पीढ़ी की मिसाइलों की तलाश में है, जो दुश्मन के टैंकों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं। रक्षा मंत्रालय ने 2018 में भारतीय सेना के लिए 300 नाग मिसाइलों और 25 NAMICA का अधिग्रहण किया था।

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