उत्तराखंड

ठेकेदारों का वन विभाग के खिलाफ आंदोलन समाप्त..

दो नवंबर से जिला पंचायत परिसर में धरना प्रदर्शन करेंगे ठेकेदार..

रुद्रप्रयाग : राजकीय ठेकेदार संघ का वन विभाग कार्यालय पर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन प्रभागीय वनाधिकारी के लिखित आश्वासन के बाद समाप्त हो गया है। अब ठेकेदार दो नवंबर से जिला पंचायत कार्यालय पर धरना देंगे। बता दें कि ठेकेदार संघ रुद्रप्रयाग निर्माणदायी संस्थाओं के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। अब तक ठेकेदार लोनिवि, सिंचाई, जल संस्थान व जल निगम विभाग के कार्यालय परिसर में बैठकर धरना-प्रदर्शन कर चुके है। यहां उन्हें लिखित आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन समाप्त किया गया।

इसके बाद राजकीय ठेकेदार संघ के बैनर तले जिले के ठेकेदार वन विभाग कार्यालय पर विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए थे। ठेकेदारों की मांग थी कि रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में समस्त निर्माण कार्यो को डी श्रेणी में लगाया जाय और छोटे-बड़े निर्माण कार्यो की निविदाओं को दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाय, ताकि सभी ठेकेदारों को सूचना प्राप्त हो सके।

 

 

कोई भी कार्य मस्टर रोल में नहीं करवाया जाय। इसके अलावा किसी भी छोटे-बड़े जनप्रतिनिधि के दबाव में अंदरखाने निर्माण कार्य करवाने की व्यवस्था को खत्म किया जाय। पोस्ट ऑफिस के माध्यम से निविदाएं न मंगवाई जांए। अन्य विभागों की भांति ठेकेदार द्वारा स्वयं निविदा पेटी में डालने की व्यवस्था की जाय। समस्त निविदाएं ठेकेदारों के समक्ष खोली जांए, ताकि स्पष्टता और पारदर्शिता बनी रहे।

प्रभागीय वनाधिकारी ने ठेकेदारों को अपने कार्यालय में बुलाकर उनकी सभी मांगों पर लिखित आश्वासन दिया, जिसके बाद ठेकेदारों ने अपना आंदोलन समाप्त किया। ठेकेदार संघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र गोस्वामी एवं सचिव अजय पंवार ने कहा कि प्रभागीय वनाधिकारी के लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन को खत्म कर दिया है। अब ठेकेदार दो नवंबर से जिला पंचायत कार्यालय परिसर में धरने पर बैठेंगे और मांगों पर लिखित आश्वासन की मांग करेंगे।

उन्होंने सभी ठेकेदारों का आह्वान किया कि उनकी जायज मांगों को लेकर संघर्ष किया जायेगा। इस मौके पर धन सिंह राणा, सचेन्द्र सिंह रावत, अनिल पुरोहित, मुकेश देवशाली सहित कई मौजूद थे।

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