उत्तराखंड

सावधान पहाड़ का पानी खतरनाक, स्वास्थ्य पर पढ़ सकता है गंभीर प्रभाव..

पहाड़ के पानी में यूरेनियम की मात्र मानकों से ऊपर है…

जिसका स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ना लाजिमी है….

उत्तराखंड : स्वामी रामतीर्थ परिसर बादशाहीथौल के भौतिक विज्ञान विभाग के डॉ. मुकेश बिजल्वाण ने पीने के पानी में यूरेनियम की बढ़ती मात्रा को सेहत के लिए खतरनाक बताया है। ‘हिमालयी क्षेत्र में पीने के पानी में यूरेनियम की मात्र और उसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव’ विषय पर प्रस्तुत अपने शोधपत्र में उन्होंने कहा कि गुप्तकाशी (रुद्रप्रयाग) में प्राकृतिक पानी में यूरेनियम की मात्र मानकों से कहीं अधिक है। जिसका स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ना लाजिमी है।

अंतरराष्ट्रीय सेमीनार में अपना शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए डॉ. बिजल्वाण ने कहा कि भारत में पंजाब, कर्नाटक व उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों में यूरेनियम कि मात्र डब्ल्यूएचओ के मानकों से अधिक है। परमाणु ऊर्जा विभाग के मानकों के मुताबिक पानी में यूरेनियम की मात्र 60 माइक्रोग्राम प्रति लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। जबकि, गुप्तकाशी में लिए गए पानी के सात सैंपल में यूरेनियम की मात्र 70 से 75 माइक्रोग्राम प्रति लीटर पाई गई। यह बेहद खतरनाक स्थिति है। लिहाजा, यहां के लोगों को पानी उपयोग में लाने से पूर्व उसका शुद्धिकरण करना चाहिए। इसके लिए पानी को उबालकर पिया जाए अथवा आरओ में फिल्टर कर।

डॉ. बिजल्वाण के अनुसार ऐसे पानी का लगातार उपयोग करने से ब्लड प्रेशर, हार्ट की समस्या और हड्डियों के कमजोर होने के साथ-साथ कैंसर तक का खतरा हो सकता है। उनके शोधपत्र की विभिन्न स्थानों से आए वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने भी सराहना की। डॉ. बिजल्वाण का यह शोध पत्र पिछले सप्ताह अमेरिकी जनरल ‘रेडियो एनालिटिकल एंड न्यूक्लियर केमिस्ट्री’ में प्रकाशित हो चुका है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top