मां पहुंची शहीद बेटे का गैलेंट्री अवॉर्ड लेने..
लेफ्टिनेंट जनरल से कहा- मेरे दूसरे बेटे को भी लगा दो फौज में..
देश-विदेश : आर्मी में एक बेटा शहीद हो गया है, लेकिन मां को इसका मलाल नहीं है, बल्कि अपने बेटे पर गर्व है. तभी तो जब वह अपने शहीद बेटे का गैलेंट्री अवार्ड लेने पहुंची तो लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर से कहा- मेरे दूसरे बेटे का नाम बंशी है, उसे भी फौज में लगा दो, ताकि मेरा बुढ़ापा और सुधर जाए. हालांकि एक बेटे को खो चुकी मां के लिए ये कहना आसान नहीं था और उस मां के लिए तो और नहीं, जिसका बेटा हेमराज महज 25 साल की उम्र में शहीद हो गया हो. शुक्रवार को अलवर के ईटाराणा छावनी में दक्षिण-पश्चिमी कमान की ओर से हुए समारोह में शहीद हेमराज को गैलेंट्री अवॉर्ड दिया गया. जिसे लेने उनकी मां आई थीं.
अजमेर जिले के भदूण (रूपनगढ़) निवासी हेमराज जाट की मां दाखा देवी अवॉर्ड लेने के लिए आईं तो वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं. समारोह में ऐसे 15 और बहादुर अफसरों और जवानों को सेना मेडल देकर सम्मानित किया गया, जिन्होंने देश की माटी की खातिर अपनी जान की परवाह नहीं की. जब शहीद हेमराज की मां अपने बेटे का मरणोपरांत गैलेंट्री अवॉर्ड लेने आईं तो लेफ्टिनेंट जनरल अलोक क्लेर समेत दूसरे अफसर और सैनिकों की भी आंखें भर आईं. लेफ्टिनेंट जनरल ने हेमराज की मां को पहले सैल्यूट किया. फिर अवॉर्ड दिया.
समारोह के बाद लेफ्टिनेंट जनरल क्लेर दोबारा दाखा देवी से मिले, कई अन्य अफसर भी उनके साथ फोटो खिंचवाने आए. इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल ने उन्हें दोबारा सैल्यूट किया. उन्होंने सैल्यूट करते हुए कहा कि आपको दूसरी बार सैल्यूट करने का मन कर रहा है और सैल्यूट किया. समारोह में हवलदार राजीव, सिपाही गुरुदेव सिंह, मेजर दीपक कुमार, सिपाही पुष्कर, विकास कुमार द्विवेदी, नगेन्द्र उद्यगोल, अर्जुन एम और मेजर दीपक कुमार को सेना मेडल से सम्मानित किया गया. ग्रेनेडियर हेमराज जाट को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया. इनके अलावा विशिष्ट मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, यूनिट प्रशंसा पत्र भी दिए गए.
पुंछ सेक्टर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे हेमराजग्रेनेडियर हेमराज जाट 1 सितंबर 2019 को कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. हेमराज की पोस्ट पर पाकिस्तान ने फायरिंग शुरू कर दी थी. हेमराज ने मशीनगन से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया. दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया. दुश्मन पर गोलीबारी करते समय एक स्पिलंटर उनकी गर्दन पर आकर लग गया। इलाज के दौरान वे शहीद हो गए। उनकी इस बहादुरी के कारण उन्हें यह गैलेंट्री अवार्ड दिया गया.