पति ने पीटा तो घर से भाग गई थी महिला समुद्र में दो साल बाद तैरती मिली..
देश-विदेश : पति के हाथों घरेलू शोषण का शिकार होने वाली एक महिला दो साल पहले लापता हुई जिसको शनिवार को समुद्र में जिंदा पाया गया! मछुआरों ने जब महिला को तैरते हुए समुद्र में देखा तो वो घबरा गए. उन्होंने महिला को बचाया और किनारे तक ले आए, महिला को 46 वर्षीय मछुआरे रोलैंडो विसबल और उनके दोस्त ने खोजा. उन्होंने महिला को शनिवार सुबह लगभग 6 बजे प्यूर्टो कोलम्बिया के तट से दो किलोमीटर दूर पाया.
शुरुआत में मछुआरों को लगा कि यह एक लकड़ी का टुकड़ा है, जब महिला ने हाथ उठाकर मदद मांगना चाही, तब उनको पता चला कि एक महिला समुद्र में तैर रही है फिर मछुआरे विसबल और उसके दोस्त ने एंजेलिका गैटन को बोट के अंदर खींचा. समुद्र में अधिक समय तक रहने के बाद वह थकावट और हाइपोथर्मिया से पीड़ित थी.
बचायें जाने के बाद उसके पहले शब्द : भगवान नहीं चाहते थे कि मैं मर जाऊं,मैं फिर से पैदा हो गई..
एंजेलिका गैटन ने कहा, ’20 साल तक मैं टॉक्सिक रिलेशनशिप में रही. पहली गर्भावस्था के दौरान दुर्व्यवहार शुरू हुआ. उसने मुझे पीटा, उसने हिंसक रूप से मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. दूसरी गर्भावस्था में दुरुपयोग जारी रहा और मैं उससे दूर नहीं हो पाई क्योंकि लड़कियां छोटी थीं सितंबर 2018 में, उसने कहा, उसके पति ने उसका चेहरा तोड़ दिया और उसे मारने की कोशिश की. दुर्व्यवहार को सहन करने में असमर्थ, वह घर से भाग गई और कैमिनो डी फे रेस्क्यू सेंटर में रहने की जगह खोजने से पहले छह महीने तक सड़कों पर भटकती रही.
पुलिस से भी उसको कोई मदद नहीं मिली. 24 घंटे जेल में रखने के बाद उसे छोड़ दिया गया. आकर फिर उसने हाथ उठाया और ऐसा जारी रहा. उन्होंने कहा कि मुझे अपने परिवार से भी कहीं भी कोई मदद नहीं मिली, क्योंकि इस आदमी ने मुझे अपने सामाजिक दायरे से दूर रखा, इसीलिए मैं जीवन को जारी नहीं रखना चाहती थी. जिसके बाद कि उसने “समुद्र में कूदने” का फैसला किया, लेकिन उसके बाद कुछ भी याद नहीं है क्योंकि वह बेहोशी में फिसल गई थी. उन्होंने कहा, समुद्र के बीच में मुझे बचाने वाले व्यक्ति ने मुझे बताया कि मैं बेहोश थी, तैर रही थी.
स्थानीय मीडिया ने एंजेलिका गैटन की बेटी, एलेजेंड्रा कैस्टिलैन्को को ट्रैक किया है, जो कहती है कि वह पिछले दो वर्षों से अपनी मां के ठिकाने के बारे में नहीं जानती थी. उसने यह भी सुझाव दिया कि घरेलू दुरुपयोग की रिपोर्टें झूठी थीं.