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460 करोड़ के घोटाले के मास्टरमाइंड शिवराज पुरी की मौत..

460 करोड़ के घोटाले के मास्टरमाइंड शिवराज पुरी की मौत..

460 करोड़ के घोटाले के मास्टरमाइंड शिवराज पुरी की मौत..

दिल्ली में चल रहा था टीबी का इलाज..

 

देश/ विदेश : साइबर सिटी में 11 साल पहले सिटी बैंक में 460 करोड़ के घोटाले के मास्टर माइंड शिवराज पुरी की क्षय रोग (टीबी) से दिल्ली के अस्पताल में उपचार के दौरान बृहस्पतिवार को मौत हो गई। कमिश्नरी की पुलिस ने उस पर अलग-अलग तीन धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।

किसी जमाने में ऐश की जिंदगी जीने वाले की मौत घुट-घुट कर होगी यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। साइबर सिटी में 11 साल पहले सिटी बैंक में 460 करोड़ के घोटाले के मास्टर माइंड शिवराज पुरी की क्षय रोग (टीबी) से दिल्ली के अस्पताल में उपचार के दौरान बृहस्पतिवार को मौत हो गई। कमिश्नरी की पुलिस ने उस पर अलग-अलग तीन धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए थे।

सिटी बैंक में लोगों से निवेश कराने व पैसा दो गुना करने की स्कीम के तहत पैसा लेता था। उस पैसे को शेयर मार्केट में लगाता था। बीच-बीच में पैसा जमा कराने वालों को मोटा कमीशन भी देता था। जांच के दौरान सामने आया कि सिटी बैंक ने उसके खिलाफ पहला धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया, आईबीएम दक्ष कॉल सेंटर के मालिक ने दूसरा मामला दर्ज कराया। एक नामी कंपनी की ओर से खेड़की दौला थाने में मामला दर्ज कराया गया था।

डीएलएफ फेस दो थाने में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में पहली बार ऐसा हुआ था कि सिटी बैंक प्रबंधन की ओर से सभी ठगी के पीड़ितों को पैसा वापस दिलाया गया। तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बाबूलाल के अनुसार उस दौरान ठगी के पैसे से खरीदी गई 38 करोड़ की प्रॉपर्टी को सिटी बैंक ने ले लिया था। 239 करोड़ रुपया वह शेयर मार्केट में हार चुका था।

जेल प्रबंधन के अनुसार दो मामलों की सजा वह काट चुुका था। इस समय खेड़कीदौला थाने में दर्ज मामले की सजा काट रहा था। बीते चार साल से उसका उपचार दिल्ली के एलआरएस अस्पताल में चल रहा था। उधर पटौदी थाने में बारह साल पहले दर्ज हत्या के मामले में सजा काट रहे संदीप उर्फ सोनू की भी क्षय रोग से पांच दिन पहले मौत हो गई थी।

22 करोड़ के जमीन घोटाले में सब रजिस्ट्रार समेत आठ पर केस..

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे में 22 करोड़ से अधिक के जमीन घोटाले में सिहानी गेट थाने में दो और एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसमें तत्कालीन राजस्व कर्मी, सब रजिस्ट्रार समेत आठ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जमीन के दस्तावेजों में हेरेफेर करने का मामला दर्ज हुआ है।

आरोप है कि 2016 में एक्सप्रेसवे के लिए रसूलपुर सिकरोडा में निष्प्रभावी हो चुकी समितियों ने 22 करोड़ से अधिक मुआवजा ले लिया। इसमें अशोक सहकारी समिति, अशोक सहकारी खेती समिति, अशोक गृह निर्माण समिति और अशोक संयुक्त सहकारी समिति शामिल है। दिल्ली के सफदरजंग एंक्लेव निवासी अरुण कुमार ने फर्जी रूप से समितियों का दोबारा से गठन कर धारा थ्रीडी लागू होने के बाद अपने परिवार के लोगों, और अपने जानकारों के नाम जमीन का बैनामा करा कर मुआवजा ले लिया।

लैंड यूज बदलवाने, नक्शा पास कराने के नाम पर 57 लाख हड़पे..

नवयुग मार्केट निवासी दवा कारोबारी अनिल गुप्ता ने दिल्ली निवासी नेम सिंह यादव पर चार बीघा जमीन का लैंड यूज बदलवाने और सरकारी विभाग से नक्शा कराने के नाम पर 57 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया है।

अनिल का कहना है कि नेम सिंह यादव ने 11 करोड़ रुपये में जमीन का सौदा कराया था। इसके बाद नेम सिंह ने साढ़े चार करोड़ रुपये का खर्चा बताकर डीडीए से जमीन का लैंड यूज आवासीय में कराने व नक्शा पास कराने का झांसा दिया। जिसमें से उसने दो बार में 57 लाख रुपये ले लिए। आरोप है कि रुपये लेने के बाद नेम सिंह ने ना नक्शा पास कराया और ना ही रुपये वापस लौटाए। कुछ समय बाद उसने अपने खाते का चेक दे दिया जो बैंक खाते में लगाया तो बाउंस हो गया। मामले में अनिल गुप्ता ने नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

 

 

 

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