उत्तराखंड

68 घंटे इंतजार के बाद घर पहुंचा शहीद हिमांशु का पार्थिव शरीर, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी..

68 घंटे इंतजार के बाद घर पहुंचा शहीद हिमांशु का पार्थिव शरीर, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी..

68 घंटे इंतजार के बाद घर पहुंचा शहीद हिमांशु का पार्थिव शरीर, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी..

उत्तराखंड : पूर्वी सिक्किम से शहीद हिमांशु नेगी का पार्थिव शरीर 68 घंटे के लंबे इंतजार के बाद सेना की एंबुलेंस से उनके घर पहुंचा। शव के पहुंचते ही शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रशासनिक अधिकारियों और पूर्व सैनिकों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। शहीद का रामनगर में अंतिम संस्कार किया गया।

उत्तराखंड के काशीपुर में हेमपुर डिपो की पांडे कॉलोनी निवासी हिमांशु नेगी की नियुक्ति 27 मार्च 2019 को सात कुमाऊं रेजीमेंट में बतौर सिपाही हुई थी। वर्तमान में वह पश्चिमी बंगाल की बीनागुड़ी पोस्ट पर तैनात थे। 45 दिन की छुट्टी पूरी कर हिमांशु दो जून को ही यूनिट में लौटे थे।

30 जून की सुबह 11 बजे परिजनों को हिमांशु की शहादत की खबर मिली, जिससे परिजनों और पांडे कॉलोनी में शोक छा गया। परिजन और हिमांशु के मित्र तीन दिनों से पथराई आंखों से उसके शव के घर पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। शनिवार को सुबह करीब साढ़े सात बजे सूबेदार जगत सिंह, हवलदार महेंद्र सागर और हवलदार गणेश चौधरी एंबुलेंस से शहीद हिमांशु का शव लेकर पांडे कॉलोनी पहुंचे।

पार्थिव शरीर देखकर परिजनों और मित्रों के करुण क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया। भूतपूर्व सैनिकों और अधिकारियों ने परिवार के लोगों का ढाढ़स बंधाया। भाई का  पार्थिव शरीर देखकर इकलौती बहन दीपा गश खाकर गिर पड़ी।

सौ प्रतिशत दिव्यांग भाई चंदन को शव के पास लाकर शहीद के दर्शन कराए गए। दादी सरुली देवी, मां कमला नेगी, पिता हीरा सिंह नेगी और भाई-बहन का रो-रोकर बुरा हाल था। भारत माता की जय’, वंदेमातरम, ‘शहीद हिमांशु अमर रहे’ की गूंज के बीच लोगों ने वीर सैनिक को अंतिम विदाई दी।

एसडीएम आकांक्षा वर्मा, सीओ एपी कोंडे, तहसीलदार बिपिन चंद्र पंत, आप के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक बाली, मयंक शर्मा, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल, राजीव चौधरी के अलावा भूतपूर्व सैनिक संगठन के मंगल सिंह, बलवंत रावत, हरगोविंद, दुष्यंत, भुवन डंगवाल, इंदर सिंह राणा, तजेश्वर के अलावा जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन रंजीत सेठ आदि ने पुष्प अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी। दोपहर में रामनगर में शहीद की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई।

पांडे कॉलोनी के प्रधान धर्मेंद्र ने बताया कि हिमांशु बहुत ही मिलनसार और सहयोगी प्रवृत्ति के थे। कुमाऊं रेजीमेंट में भर्ती होने के बाद उन्होंने कॉलोनी के कई युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया।

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