उत्तराखंड

समाज की हर संभव मदद में जुटी है मानव सेवा समिति..

समाज की हर संभव मदद में जुटी है मानव सेवा समिति..

कहा, पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष कार्य करने की जरूरत..

धनपुर पट्टी के विभिन्न गांवों में किया वृक्षा रोपण..

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड मानव सेवा समिति रजिस्टर्ड दिल्ली ने दिल्ली के साथ ही पहाड़ों में वंचित और शोषित समाज की मदद को अभिनव पहल शुरू की है। संस्था ने सामाजिक जागरण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष कार्य करने की जरूरत बताई कहा कि इस मुहिम पर तेजी से बढ़ते हुए काम किया जा रहा है।सनातन संस्कृति के संस्कारों के साथ ही मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए उत्तराखंड मानव सेवा समिति रजिस्टर्ड दिल्ली द्वारा जहां सनातन संस्कृति से जुड़े प्रमुख को मनाने का बीढ़ा उठाया गया है वहीं उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक जागरण के साथ पर्यावरण सुरक्षा एवं संरक्षण की दिशा में मजबूती से कार्य किया जा रहा है।

 

उत्तराखंड मानव सेवा समिति के सलाहकार वरिष्ठ समाजसेवी श्यामलाल सुंदरियाल ने कहा कि हरेला पर्व के मौके पर उत्तराखंड मानव सेवा समिति द्वारा गढ़वाल के सुदूरवर्ती क्षेत्रों क्षेत्रों में बृहद वृक्षारोपण किया गया है। समिति द्वारा गढ़वाल के नैनीडांडा ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही जनपद रुद्रप्रयाग के धनपुर पट्टी के ग्रामीण क्षेत्रों में वृहद वृक्षारोपण किया गया। संस्था के अध्यक्ष एवं पूर्व अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त बीएन शर्मा के नेतृत्व में संस्था की कार्यकारिणी के सदस्य एमपी थपलियाल, केएल नौटियाल, एसएन कोठियाल, विनोद ध्यानी एवं राहुल सजवाण ने हरेला पर्व को मानवता को समर्पित किया है।

 

उन्होंने किन्नर समुदाय के लोगों के आर्थिक संकट को देखते हुए उन्हें मदद दी है। भुखमरी के कारण कई लोग दिल्ली के शशि गार्डन के आसपास झुग्गियों में रह रहे 19 किन्नर परिवारों को प्रत्येक परिवार को एक माह की आवश्यक खाद्य सामग्री निशुल्क दी गई। सुंदरियाल ने बताया कि उत्तराखंड मानव सेवा समिति द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ ही उत्तराखंड में पूर्ण के दौरान फ्रंटलाइन योद्धाओं को संस्था द्वारा देश की अग्रणी संस्था द्वारा अग्रणी सेवा संस्थाओं के सहयोग से उच्च स्तरीय पर्यावरणनुकूल 54,000 उच्च गुणवत्ता के मास्क निशुल्क उपलब्ध कराए। जबकि जरूरतमंद एवं असहाय लोगों को खाद्य सामग्री वितरित की। इस मौके पर डॉ हेमा पुष्पवाण, विनोद कप्रवान आदि मौजूद थे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top