उत्तराखंड

सुप्रसिद्ध गायिका हेमा की नई एलबम ने मचाया धमाल

सुप्रसिद्ध गायिका हेमा की नई एलबम ने मचाया धमाल

सिर्फ दो दिनों में मखमली घाघरी एलबम के व्यूवर्स दो लाख के पार

लम्बे संघर्ष के बाद हेमा को मिली सफलता

रुद्रप्रयाग। जिले की सुप्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी का नया एलबम मखमली घाघरी श्रोताओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। उनका नया एलबम दो दिन पहले ही लांच हुआ है, जिसके व्यूवर्स दो लाख के पार हो चुके हैं। उत्तराखण्ड की संस्कृति और सभ्यता पर आधारित हेमा ने यह गीत तैयार किया है। एलबम के संगीत को श्रोता काफी पसंद कर रहे हैं।

मूलतः तल्लानागपुर के चोपता मलाऊं निवासी हेमा नेगी करासी को बचपन से ही गायन का शौक रहा। स्कूली कार्यक्रम से लेकर उन्होंने स्थानीय स्तर पर आयोजित हर छोटे से लेकर बड़े कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति दी। उनकी आवाज का हर कोई कायल था और उन्हें संगीत के क्षेत्र में जाने की शिक्षा दी। लोक गायिका हेमा का कहना है कि बचपन से ही घर में संगीत का माहौल रहा और माता-पिता से उन्हें संगीत की प्रेरणा मिली। उनके पिता हमेशा उन्हें जीवन में संघर्ष कर आगे बढ़ने की प्रेरणा दिया करते थे। मायके में रहते हुए भी हेमा ने संगीत के क्षेत्र में काफी मेहनत की, लेकिन उन्हें सफलता शादी के बाद मिली।

शादी के बाद हेमा संगीत की ओर ज्यादा ध्यान देने लगी और उन्होंने सबसे पहले अपनी सबसे पहला एलबम गीत मां मठियाणा माई तैयार कर उसे गाया। उनका यह गीत और उनकी आवाज श्रोताओं को बहुत पसंद आई। इसके बाद उन्होंने आछरी जागर और गिर गेंदुवा गीत गाया, उनका गिर गेंदुवा गीत को लाखों में व्यूवर्स मिले और इसके बाद उनकी सफलता की सीढ़ी शुरू होती गई। उन्होंने अब तक मेरी बामणी, बगछठ मन, नर्सिंग जागर, भलु लगदू, मिठ्ठू-मिठ्ठू बोली, मेरी राजुला गीत गया है। जिसे श्रोताओं ने काफी पसंद किया। अब दो दिन पूर्व ही उनका मखमली घाघरी एलबम लांच हुआ है। इस गाने में संगीत के साथ ही गायन की काफी प्रशंसा की जा रही है। लोक गायिका हेमा ने बताया कि उन्होंने मखमली घाघरी गीत को स्वयं लिखा और गाया भी है।

दो दिन के भीतर गाने के व्यूवर्स दो लाख के पार हो चुके हैं। बताया कि यह गीत उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति बादी-बादिन नृत्य और पौराणिक सभ्यता पर तैयार किया गया है, जिसमें संगीत रामेश्वर गैरोला और सहयोग कुलदीप कप्रवाण, संगीता थलवाल, हिमानी रावत, काजल कंडारी, नरेन्द्र रावत का मिला है। उनका मेरी बामणी गीत को अब तक साठ लाख व्यूवर्स मिल चुके हैं। बताया कि उत्तराखण्ड में लोकप्रियता हासिल होने के बाद उन्होंने विदेशों में भी प्रस्तुतियां दी हैं। न्यूजीलैंड, जापान, दुबई सहित विदेशों में वे जा चुकी हैं, जबकि मुम्बई, दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में उनका आना-जाना लगा रहता है। नर्सिंग जागर पार्ट वन के बाद जल्द ही उनकी नयी एलबम नर्सिंग जागर पार्ट -2 आएगी, जिसमें भगवान नर्सिंग के अवतारों का वर्णन किया गया है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की संस्कृति को बचाये रखने के लिए लोक गायक दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को भी चाहिए कि लोक गायकों एवं कलाकारों की सरकारी स्तर पर मदद की जाय।

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