उत्तराखंड

घास लेने गई महिला को गुलदार ने बनाया निवाला…

घास लेने गई महिला को गुलदार ने बनाया निवाला, एक दिन बाद मिला क्षत-विक्षत शव..

नैनीताल : लालकुआं में तराई पूर्वी वन प्रभाग के इमलीघाट वन आरक्षित क्षेत्र में घास काटने गई महिला को तेंदुए ने हमला कर मार डाला। महिला का खून से लथपथ शव 24 घंटे बाद ग्रामीणों और वन विभाग ने घने जंगल से बरामद किया। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए हल्द्वानी भेज दिया है। डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी और एसडीओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया ने घटनास्थल का मुआयना कर मृतका के परिवार को तीन लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है।

शीशम भुजिया नंबर छह निवासी भवानी मेहता (45) पत्नी पुष्कर मेहता बुधवार सुबह मवेशियों को चराने और घास लेने डॉली रेंज अंतर्गत इमलीघाट के जंगल गईं थीं। देर शाम तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने जंगल के आसपास जाकर खोजबीन की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। बाद में मामले की जानकारी वन विभाग को दी गई। देर रात डॉली रेंज के रेंजर अनिल कुमार जोशी के नेतृत्व में कर्मचारियों और ग्रामीणों ने कांबिंग शुरू की।

जंगल में काफी दूर तक तलाशने के बावजूद जब महिला का कहीं पता नहीं चला। बृहस्पतिवार सुबह सात बजे से वन विभाग और ग्रामीणों ने दोबारा जंगल में तलाशना शुरू किया। घने जंगल के बीच कोटखर्रा के प्लॉट नंबर 19 में भवानी देवी का खून से लथपथ शव बरामद हुआ। वन विभाग ने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए हल्द्वानी भेज दिया। डौली रेंज के रेंजर अनिल कुमार जोशी ने बताया कि महिला के गले में तेंदुए के दांतों के निशान पाए गए हैं। गर्दन में दांत लगाने के अलावा तेंदुए ने महिला के शव को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।

महिला की मौत के मामले में दोपहर बाद तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी, एसडीओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया, रेंजर अनिल कुमार जोशी घटनास्थल पहुंचे। अधिकारी शीशम भुजिया नंबर छह निवासी मृतका के पति पुष्कर सिंह और अन्य परिजनों से मिले। उन्हें ढांढस बंधाते हुए डीएफओ ने आश्वासन दिया कि 48 घंटे के भीतर एक लाख और उसके बाद दो लाख रुपये आर्थिक सहायता के रूप में वन विभाग देगा।

नौ माह पहले डॉली रेंज के जंगल में तेंदुए ने तीन लोगों की जान ले ली थी। तब से आदमखोर तेंदुए को वन विभाग पकड़ नहीं पाया है। इससे पहले गौला के जंगल में विगत 29 नवंबर 2017 को शांतिपुरी नंबर चार निवासी हीरा सिंह टाकुली का कोटखर्रा के जंगल में क्षत-विक्षत शव और 11 जनवरी को इंद्रानगर निवासी 65 वर्षीय परमानंद नैनवाल का क्षत विक्षत शव मिला था। इसी दौरान 26 जनवरी को बौढ़खत्ता निवासी कुंदन बेलवाल की 50 वर्षीय पत्नी लक्ष्मा देवी का शव जंगल में क्षत-विक्षत हालत में मिला तो लंबे समय तक लोग गौला व डॉली के जंगल में चारा लेने नहीं गए। लेकिन कुछ समय बाद लोग फिर आरक्षित क्षेत्र में जाने लगे हैं।

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