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तबाही मचाने वाला है कोविड का यह नया वैरियंट, देश में अलर्ट..

तबाही मचाने वाला है कोविड का यह नया वैरियंट, देश में अलर्ट..

देश-विदेश: देश में कोरोना के डेल्टा वैरियंट ने तबाही मचाई। जिससे लाखों लोगों की जान चली गयी। लेकिन डेल्टा वैरियंट से भी ज्यादा खतरनाक दक्षिण अमेरिका में मिला कोरोना का नया स्वरूप लैम्ब्डा वैरियंट है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी इसके केसेज पूर्वी यूरोप और एशिया के इलाके में नहीं मिले हैं लेकिन इसे लेकर पूरी मॉनिटरिंग और अलर्टनेस बरतनी शुरू कर दी गई है। आईसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने बताया की जो वैक्सीन दी जा रही है वह कोरोना के किसी भी घातक स्वरूप से निपटने के लिए सक्षम है। इसलिए फिलहाल डरने की कोई बात नहीं है, लेकिन अगले कुछ महीनों तक पूरी टीम को बहुत ज्यादा अलर्ट रहना होगा।

 

आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि कोरोना के बदलते स्वरूप और उसके जीनोम को डिकोड करने के लिए लगातार देश के कई संस्थान दिन-रात शोध कर रहे हैं, अभी तक भारत में उन्हें कोरोना के इस बदले हुए स्वरूप के बारे में कोई भी केस नहीं मिला है। तबाही मचाने वाले डेल्टा वैरियंट के भी कई स्वरूप सामने आए हैं, लेकिन दक्षिण-अमेरिका में वायरस के बदले स्वरूप लैम्ब्डा को लेकर और ज्यादा सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी वायरस के इस नए स्वरूप को लेकर चिंता जाहिर की है। पूरी दुनिया में अब तक 29 मुल्कों में इस बदले हुए स्वरूप ने सबसे ज्यादा तबाही मचानी शुरू कर दी है।

 

आईसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के स्वरूप को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में वायरस के जीनोम को डिकोड किया जा रहा है। हालांकि अभी तक इस नए स्वरूप की कोई भी पहचान अपने देश में नहीं हुई है लेकिन हम सबको अब बहुत ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है। नेशनल कोविड टास्क फोर्स के डॉक्टर एनके अरोड़ा का कहना हैं कि कोविड की वैक्सीन कोरोना के बदलते हुए किसी भी स्वरूप में कारगर है। वैज्ञानिक लगातार कोरोना के बदलते हुए स्वरूप और उससे जुड़े हुए सभी पहलुओं पर लगातार नजर बनाए रहते हैं। जितनी जल्दी टीकाकरण होता जाएगा, लोग उतने ज्यादा सुरक्षित होते जाएंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन से जुड़े साउथ एशिया के एक अधिकारी का कहना हैं कि जिन देशों में टीकाकरण का प्रतिशत सबसे ज्यादा है वहां पर कोरोना के बदले हुए स्वरूप का कोई भी बड़ा असर नहीं दिख रहा है।

 

कोरोना के बदलते हुए स्वरूप पर लगातार नजर रखने वाले देश के इंस्टीट्यूट आफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के वैज्ञानिकों का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से और दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में तबाही मचाने वाले नए स्वरूप लैम्ब्डा को लेकर मिल रही जानकारियों को उनकी टीम लगातार फॉलो कर रही है। आईजीआईबी के वैज्ञानिकों के अनुसार अभी तक अपने देश में डेल्टा के अलावा और कोई भी खतरनाक वायरस का बदलता वैरियंट नहीं मिला है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की एडवाइजरी को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। खासतौर पर इंटरनेशनल कनेक्टिविटी वाले राज्यों और शहरों में विदेशों से आने वाले लोगों मैं अगर कोई लक्षण होते हैं तो उन पर खास नजर भी रखी जा रही है।

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