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पथरी में अमृत रामबाण है कुलथी..

कुलथी

पथरी में अमृत रामबाण है कुलथी..

कुलथी की दाल को पथरीनाशक माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार कुलथी की दाल में विटामिन ‘ए’ पाया जाता है, यह शरीर में विटामिन ‘ए’ की पूर्ति कर पथरी को रोकने में मदद करता है। यह दाल उड़द के समान और लाल रंग की होती है। इसकी दाल बनाकर रोगी को दी जाती है जिससे पथरी निकल जाती है।कुलथी का मतलब चना होता है। अंग्रेज़ी में कुलथी दाल को (Horse Gram) के नाम से जाना जाता है और पहले इसका इस्तेमाल इसके नाम के अनुसार किया जाता था। कुलथी दाल का उपयोग घोड़े, भेड़, बकरी आदि के खाने के तौर पर किया जाता था। लेकिन कई अध्ययन के बाद यह पाया गया है कि कुलथी दाल प्रोटीन से भरपूर होती है जो मनुष्य के लिए भी लाभदायक है।

कुलथी दाल का सबसे बड़ा फायदा पथरी यानी किडनी स्टोन के लिए माना जाता है। पथरी के लिए कुलथी का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। इसे किडनी स्टोन का इलाज करने के लिए पारंपरिक और वैकल्पिक दवा का दर्जा प्राप्त है। कुलथी दाल एंटीऑक्सीडेंट और शरीर से गंदगी बाहर निकाले वाले गुणों से समृद्ध होती है, जो किडनी से पथरी को बाहर निकालने में मदद कर सकती हैं।

 

 

सर्दी और बुखार जैसी शारीरिक समस्याओं से निपटने के लिए भी कुलथी की दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। बुखार और सर्दी के लिए इस दाल का प्रयोग पारंपरिक दवाई के रूप में सदियों से किया जा रहा है। कुलथी दाल न सिर्फ सर्दी-बुखार से निजात दिलाने का काम करती है, बल्कि गले के संक्रमण को दूर करने का काम भी कर सकती है।

कुलथी दाल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा औषधि के रूप में किया जाता है इसलिए हो सकता है कि आपने इसका नाम कम सुना हो। कुलथी दाल का इस्तेमाल अस्थमा, पथरी, पीलिया, बुखार आदि में किया जाता है। बीमारी में कुलथी की दाल, पानी, सूप पीना लाभदायक होता है। आयुर्वेद के अनुसार कुलथी गर्म तासीर की और हल्‍के तीखे स्वाद वाली होती है। यह पचने में आसान, शरीर में पित्‍त और रक्‍त बढाती है। आयुर्वेद के अनुसार यह दाल मानव शरीर के लिये सेहतमंद मानी गई है।

 

 

कुलथी दाल के फायदे सबसे ज्यादा वजन कम करने के लिए जाने जाते हैं। कुलथी दाल में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे पेट लंबे समय के लिए भरा रहता है। लंबे समय के लिए पेट भरा रहने से आप बार- बार खाना नहीं खाते हैं। इसके साथ ही कुलथी की दाल में कैलोरी की मात्रा कम होती है जिससे कैलोरी का सेवन कम किया जाता है। कई अध्ययन में भी यह पाया गया है कि कुलथी दाल फैटी टिश्शू पर डायरेक्ट अपना असर दिखाती है जिससे फैट कम होता है जिससे वेट लॉस होने में मदद मिलती है।

कुलथी को रात भर पानी में भिगो कर रखना पड़ता है। सुबह इसे साफ पानी से धो कर कुकर में पका लें, जिससे इसकी सब्‍जी या सूप बना सके। अगर आप इसे स्‍प्राउट के रूप में खाएं तो इसकी पोषण छमता ज्‍यादा बढ जाएगी। । चिकित्सा जगत में कुलथी की दाल को एक विशेष दर्जा प्राप्त है, क्योंकि इस पर किए गए अध्ययनों ने इसके कई औषधीय गुणों को उजागर किया है। कुलथी दाल जितनी सेहतमंद है उतनी ही खाने में स्वादिष्ट भी लगती है। कुलथी दाल से आप कई सारी स्वादिष्ट डिश बना सकते हैं।

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