उत्तराखंड

मांगों को लेकर ठेकेदारों का सिंचाई विभाग कार्यालय में धरना शुरू..

सरकार के राजस्व को चूना लगा रहे अधिकारी..

ई टेंडरिंग, लंबित भुगतान और टेंडरों के प्रचार-प्रसार की मांग..

रुद्रप्रयाग :  ठेकेदार संघ रुद्रप्रयाग ने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सिंचाई विभाग कार्यालय में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इससे पहले लोक निर्माण विभाग कार्यालय के समीप ठेकेदार धरने पर बैठे हुए थे। अधिशासी अभियंता लोनिवि के लिखित आश्वासन के बाद ठेकेदारों ने लोनिवि के खिलाफ धरना समाप्त किया। अब ठेकेदार सिंचाई विभाग कार्यालय में धरने पर बैठ गए हैं। उनका साफ कहना है कि जब तक सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता उन्हें लिखित आश्वासन नहीं दे देते, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

 

 

आपको बता दें कि ठेकेदार संघ रुद्रप्रयाग का तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सभी निर्माणदायी संस्थाओं के खिलाफ पांच अक्टूबर से विभागीय कार्यालयों में धरना प्रदर्शन चल रहा है। ठेकेदारों का पहले लोनिवि कार्यालय में धरना चल रहा था, जो लिखित आश्वासन के बाद खत्म हो गया है। अब ठेकेदार सिंचाई विभाग कार्यालय में धरने पर बैठ गए हैं। ठेकेदार संघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र गोस्वामी एवं सचिव अजय पंवार ने कहा कि जिले की निर्माणदायी संस्थाएं छोटे ठेकेदारों का उत्पीड़न कर रही है।

 

 

एक ओर सरकार रोजगार देने की बात कर रही है, वहीं छोटे ठेकेदारों को रोजगार से वंचित किया जा रहा है। बड़ी-बड़ी निविदाओं को ई टेंडरिंग के जरिये बड़े ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है, जबकि इन निविदाओं को टुकड़ों में बांटा जा सकता है, जिससे छोटे ठेकेदारों को लाभ मिलता। मगर ऐसा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्माणदायी संस्थाओं के अधिशासी अभियंता जनप्रतिनिधियों के दबाव में उनके चहेतों को कार्य बांटने में लगे हुए हैं, इससे सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंच रहा है। सरकार अपने अधिकारी एवं कर्मचारियों को वेतन देने को लेकर ब्याज पर कर्ज ले रही हैं और यहां अधिकारी-कर्मचारी सरकार को ही चूना लगा रहे हैं। ठेकेदार संघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र गोस्वामी ने कहा कि छोटे ठेकेदारों का वर्षो से लंबित भुगतान आज तक नहीं हो पाया है। अपने चहेतों का भुगतान पहले ही कर दिया जाता है, जबकि अन्य ठेकेदारों को मुंह तांकना पड़ता है।

 

ऐसे में गरीब ठेकेदार कर्ज लेकर अपने परिवार का लालन-पालन करने को मजबूर रहता है। कहा कि पूर्व में पूरे प्रदेश में ई टेंडरिंग के खिलाफ ठेकेदारों का धरना प्रदर्शन हुआ था, तब सरकार से वार्ता में सहमति बनी थी कि बड़े कार्यों को छोटे-छोटे किये जायेंगे, मगर जिले में जनप्रतिनिधि और अभियंता मिलकर ई टेंडरिंग करने में लगे हुए हैं। ई टेंडरिंग में कोई पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड एवं पीएमजीएसवाई को आपदा और राज्य सरकार से जो धनराशि मिलती है, उसकी डी श्रेणी में निविदा समाचार पत्रों में नहीं निकाली जा रही है। अभियंता और जनप्रतिनिधियों की आपसी मिलीभगत से चहेतों को कार्य बांटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक सभी विभाग ठेकेदारों की मांगों को नहीं मान लेते, ठेकेदारों का आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर चंडी प्रसाद सेमवाल, जसपाल लाल, नरेन्द्र सिंह रावत, अनिल पुरोहित, मुकेश, धन सिंह राणा, राजेन्द्र सिंह, सचेन्द्र सिंह रावत, सुनील पंवार सहित कई मौजूद थे।

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