देश/ विदेश

लॉकडाउन में रोजगार और पढाई के लिए ऐसे मददगार बना इंटरनेट….

इंटरनेट

लॉकडाउन के दौरान सबसे बड़ा मददगार बना इंटरनेट..

देश-विदेश: इंटरनेट सेवा को भारत में 15 अगस्त, 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड द्वारा शुरू किए था नवम्बर, 1998 में, सरकार ने निजी ऑपरेटरों द्वारा इंटरनेट सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्र को खोला एक दृश्य के साथ एक उदार लाइसेंस शासन जगह में डाल दिया गया था देश भर में इंटरनेट की पहुंच बढ़ाने। नई दूरसंचार नीति जहां सरकार पर आईएसपी की अनुमति प्रक्रिया और 1 अप्रैल 2002 से प्रभाव के साथ आवाज संकेतों (प्रतिबंधित इंटरनेट टेलीफोन) से करने का निर्णय लिया इंटरनेट टेलीफोनी के खोलने की परिकल्पना की गयी।

वही आज कॉविड-19 के दौरान घरों में लॉकडाउन लोगों के लिए इंटरनेट सबसे बड़ा मददगार बन कर उभरा। इस दौरान जहां इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ, वहीं ऑनलाइन बिताए जाने वाले समय में भी बढ़ोतरी हुई। अब हर घर में पढ़ाई, मनोरंजन, व्यापार से लेकर नौकरी ढूंढने और वित्तीय लेनदेन तक में इंटरनेट का जमकर इस्तेमाल हो रहा है।

 

 

लॉकडाउन से पहले भी बड़ी संख्या में लोग इंटरनेट का इस्तेमाल इन सभी चीजों के लिए करते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक बढ़ गई है। अब लगभग सभी घरों में ऑनलाइन पढ़ाई, खरीदारी, मनोरंजन और अन्य कामों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल हो रहा है। यहां तक कि लॉकडाउन के चलते नौकरी गंवाने वाले भी इंटरनेट के जरिये ही रोजगार ढूंढ रहे हैं। अब नौकरी के लिए उन्हें सीवी लेकर दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसे ही नया स्टार्टअप शुरू करने वालों को अपना सामान या सर्विस बेचने के लिए बाजार में नहीं भटकना पड़ता।

लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने वर्क फ्रॉम होम किया। इसके अलावा खाली समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एंटरटेनमेंट और बच्चों की पढ़ाई के लिए भी तेज इंटरनेट की जरूरत थी। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों ने ब्रॉडबैंड के कनेक्शन भी लिए। बीएसएनएल के साथ ही ज्यादातर बड़ी कंपनियां ब्रॉडबैंड कनेक्शन दे रही हैं।

29 अक्टूबर 1969 को दुनिया में इंटरनेट की शुरूआत हुई थी। इसलिए वर्ष 2005 से हर साल 29 अक्तूबर को इंटरनेट डे मनाया जाता है। 29 अक्तूबर, 2016 को पूरी दुनिया में ‘अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट डे’ मनाया गया था।

इंटरनेट ने क्रिएटिविटी के भी नए रास्ते खोले हैं। लॉकडाउन के दौरान लोगों ने न केवल पढ़ाई की बल्कि सोशल साइट से अपने दोस्तों और परिचितों से जुड़े भी रहे। इंटरनेट नहीं होता तो यह सब करने में काफी दिक्कत होती।

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