उत्तराखंड

भारतीय सेना को मिलेंगे 333 युवा अफसर…

उत्तराखंडी

वीरों ने फिर बढ़ाया मान…

90 विदेशी कैडेट भी होंगे पासआउट…

शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में पासिंग आउट परेड…

थलसेना प्रमुख बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड की सलामी लेंगे…

देहरादून : भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में शनिवार को पासिंग आउट परेड होगी। थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड की सलामी लेंगे। वह शुक्रवार अपराह्न को सैन्य अकादमी पहुंच गए हैं। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार न ही जेंटलमैन कैडेटों के परिजन परेड देखने के लिए पहुंच हैं और ना ही देश-विदेश के गणमान्य लोग व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी। इस बार परेड सादगी से होगी।

आइएमए के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड सुबह साढ़े छह बजे से होगी। परेड के उपरांत आयोजित होने वाली पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद पासिंग आउट बैच के 423 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन जाएंगे। इनमें 333 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिलेंगे, जबकि 90 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम की सेना का अभिन्न अंग बनेंगे। इसके बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 562 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ जाएगा। इनमें मित्र देशों को मिले 2503 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।

पीओपी के मद्देनजर अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। चप्पे-चप्पे पर तैनात सेना के सशस्त्र जवान तैनात हैं। अकादमी परिसर के बाहरी क्षेत्र में सुरक्षा का जिम्मा दून पुलिस के पास है। पासिंग आउट परेड के दौरान शनिवार सुबह छह बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक पंडितवाड़ी से लेकर प्रेमनगर तक जीरो जोन रहेगा। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग-72 (चकराता रोड) से गुजरने वाला यातायात प्रेमनगर व बल्लूपुर से पूरी तरह डायवर्ट रहेगा।

उत्तराखंड को वीरों की भूमि यूं ही नहीं कहा जाता। यहा के लोकगीतों में शूरवीरों की जिस वीर गाथाओं का जिक्र मिलता है, पराक्रम के वह किस्से देश-विदेश तक फैले हैं। देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए देवभूमि के वीर सपूत हमेशा ही आगे रहे हैं। भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होने जा रहे जेंटलमैन कैडेटों के आंकड़े इसके गवाह हैं। जनसंख्या घनत्व के हिसाब से देखें तो उत्तराखंड देश को सबसे ज्यादा जांबाज देने वाले राज्यों में शुमार है।

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