नई दिल्ली: केपटाउन में भी भारत के खिलाफ तीसरे डे-नाइट मुकाबले में मेहमाम टीम इंडिया से जीत के लिए मिले 304 के लक्ष्य के जवाब में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी की एक बार फिर से हवा निकल गई. और भारत ने लगातार तीसरी जीत दर्ज करते हुए उसे 179 रनों के अति विशाल अंतर से धो दिया. मेजबान बल्लेबाजों के लिए तीसरे वनडे में भी भारतीय स्पिनर युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की जोड़ी फिर से भयावह सपना साबित हुई. इन दोनों ने चार-चार विकेट लेते हुए मेजबान बल्लेबाजी को मानो क्लब स्तरीय सरीखा बना दिया. यह इन दोनों का ही असर था कि दक्षिण अफ्रीका टीम 40 ओवरों में 179 रनों पर ही ढेर हो गई. जसप्रीत बुमराह ने भी तीन विकेट लिए. इस जीत के साथ ही भारत ने यह सुनिश्चित कर दिया कि अब यहां से सीरीज सिर्फ और सिर्फ दक्षिण अफ्रीका ही हारेगा.
मेजबान टीम ने 180 रन बनने से पहले ही अपने नौ विकेट गंवा दिए हैं. और इसके लिए सबसे बड़े जिम्मेदार रहे युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव. चहल चार, तो कुलदीप यादव 3 विकेट चटका चुके हैं.दक्षिण अफ्रीका की तरफ से सबसे ज्यादा 51 रन अनुभवी बल्लेबाज जेपी डुमिनी ने बनाए, तो कप्तान एडेन मार्करैम ने 32 रन का योगदान दिया.
इससे पहले कप्तान विराट कोहली के नाबाद 170 रन की पारी की बदौलत भारत ने मेजबान दक्षिण अफ्रीका के सामने 304 रन का टारेगट रखा है. विराट कोहली का यह करियर का 34वां शतक रहा, जिसके साथ उन्होंने कई रिकॉर्डों को अंजाम दिया. उनके अलावा शिखर धवन ने 76 रन की पारी खेली. एक समय खराब शुरुआत से उबरने के बाद टीम इंडिया बड़े स्कोर की ओर जाती दिख रही थी, लेकिन दूसरे छोर पर मध्यक्रम के चरमरा जाने से क्रिकेटप्रेमियों को यह चिंता होने लगी थी कि भारत केपटाउन में तीन सा का आंकड़ा छू भी पाएगा, या नहीं. लेकिन कोहली ने आखिरी दो ओवर में कुछ बेहतरीन शॉट लगाते हुए भारत को तीन सौ के पार पहुंचा दिया. मेजबान टीम के लिए सबसे ज्यादा दो विकेट पार्ट टाइम गेंदबाज जेपी जुमिनी ने लिए.
भारत की शुरुआत खराब रही, जब रोहित शर्मा बिना खाता खोले ही आउट हो गए, लेकिन इसके बाद शिखर धवन और विराट कोहली ने दूसरे विकेट के लिए 140 रन जोड़कर टीम को एक मजबूत स्कोर की तरफ धकेल दिया, लेकिन मध्यक्रम में लगातार विकेट गिरते रहने से बड़े स्कोर की उम्मीदें धूमिल होती दिखाई पड़ीं. मिड्ल ऑर्डर में अजिंक्य रहाणे ने 11, हार्दिक पंड्या ने 14 तो धोनी ने 10 ही रन बनाए. उम्मीद थी कि पहली बार बल्लेबाजी का अच्छी तरह मौका पाए इन बल्लेबाजों में कोेई न कोई जरूर धमाल मचाएगा, लेकिन मिड्ल ऑर्डर के ये बल्लेबाज इस मौके का फायदा उठाने में नाकाम साबित हुए.
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के लिए दो खिलाड़ी विकेटकीपर क्लासेन और लुंगि एंगिनी अपने वनडे करियर का आगाज करने जा रहे हैं, जबकि शमसी की जगह एंडिले को टीम में शामिल किया गया है, तो मोर्ने मॉर्कल टीम में नहीं हैं, वहीं भारतीय टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
वैसे चंद दिन के भीतर ही अपने चार चोटिल खिलाड़ियों के सदमे से मारी मेजबान दक्षिण अफ्रीका के लिए केप टाउन में भारत के खिलाफ आज तीसरे डे-नाइट वनडे में इस सदमे से उबरना ही सबसे बड़ा चैलेंज बन गया है. और यह चैलेंज तीसरे वनडे में भी बरकार रहा. कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के सामने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने पूरी तरह से हथियार डाल दिए.
तब साफ दिखाई पड़ कि तीन मुख्य खिलाड़ियों के बाहर होने से मेजबान टीम को बड़ा सदमा लगा है. खिलाड़ियों की शारीरिक भाषा ऐसे बालक की तरह थी, जो एकदम से अनाथ हो गया हो. मेजबान बल्लेबाज पिच पर पूरी तरह हत्थे से उखड़े दिखाई पड़े, तो फील्डिंग के दौरान ऐसा लग रहा था कि मानो वे बस किसी तरह समय काटना चाहते हैं. मैदान पर कोई भी शख्स टीम को दिशा, दशा दिखाने और हौसलाअफजाई करने वाला नहीं था.
और अब जब चौथे मैच से पहले एक और दिग्गज क्विंटन डि कॉक चोट के कारण बाहर हो चुके हैं, तो यह देखने की बात होगी कि पिछले मैच में लगे ‘सदमे’ का असर कहीं न्यूलैंड्स में और तो नहीं गहरा जाएगा. देखने की बात यह भी होगी कि नेट पर कलाइयों के स्पिनरों के सामने घंटो प्रैक्टिस करने वाले दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज तीसरे वनडे में भारतीय स्पिनरों को कैसे जवाब देंगे. सच यह है कि शुरुआती दोनों मैचों में युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की गेंदबाजी से निपटने के लिए न तो मेजबान बल्लेबाजों के पास अच्छी समझ दिखाई पड़ी, न तकनीक और न ही मिजाज. तीसरे वनडे के लिए दक्षिण अफ्रीकी टीम में तीन बदलाव हुए. दोनों टीमें इस प्रकार हैं:
टीम इंडिया: रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, महेंद्र सिंह धोनी, भुवनेश्वर कुमार, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, युजवेंद्र चहल।
दक्षिण अफ्रीका: हाशिम अमला, ऐडन मार्करम (कप्तान), हेनरिक क्लासेन, खाया जोंडो, डेविड मिलर, जेपी डुमिनी, क्रिस मॉरिस, एन्डिल फेह्लुक्वायो, लुंगी एनडिगी, इमरान ताहिर, कगिसो रबाडा।