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भारत ने तोड़े पैरालंपिक में मेडल्स के सारे रिकॉर्ड्स..

भारत ने तोड़े पैरालंपिक में मेडल्स के सारे रिकॉर्ड्स..

टोक्यो पैरालंपिक में खिलाड़ी रचेंगे इतिहास..

 

 

देश-विदेश: इस साल जापान के टोक्यो में हुए ओलंपिक गेम्स के बाद पैरालंपिक गेम्स में भी भारत का जबरदस्त प्रदर्शन जारी है। टीम इंडिया अब तक कुल 10 मेडल्स जीत चुकी है। यानी पिछले सभी पैरालंपिक गेम्स का रिकॉर्ड काफी अंतर से पीछे छूट चुका है। इसी के साथ भारतीय टीम की निगाह अब पैरालंपिक की सर्वकालिक पदक जीतों (पैरालंपिक ऑल टाइम) के रिकॉर्ड को तोड़ने पर होगी। भारत ने 1968 में पैरालंपिक में हिस्सा लेना शुरू किया था। तब से लेकर 2016 तक भारत के कुल 95 एथलीट्स 12 मेडल्स ही हासिल करने में सफल हो पाए। हालांकि, 2020 के टोक्यो पैरालंपिक में भारत का 54 खिलाड़ियों का दल अब तक 10 पदक अपने नाम कर चुका है।

 

5 सितंबर तक चलने वाले पैरालंपिक में अभी पांच दिन बाकी हैं। इस दौरान भारत को कम से कम 15 इवेंट्स में मौका मिलेगा। इनमें कुल 23 खिलाड़ियों का हिस्सा लेना बाकी है, जो पदक के बड़े दावेदार हैं। इन इवेंट्स में एथलेटिक्स से लेकर बैडमिंटन और शूटिंग और तीरंदाजी की प्रतियोगिताएं शामिल हैं। अगर भारत इन इवेंट्स में जीत हासिल करता है, तो पैरालंपिक में सर्वकालिक 12 मेडल्स जीत का रिकॉर्ड टूटना भी तय है।

 

टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने गेम्स के तीसरे दिन रजत पदक जीतकर भारत का खाता खोला था, वहीं निषाद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद में 2.06 मीटर की उछाल भरते हुए एशियाई रिकॉर्ड की बराबरी की और एक और रजत पद भारत के नाम किया।

 

 

 

इसके बाद आया भारत के लिए पैरालंपिक का सबसे बेहतर छठा दिन, जब सुबह ही अवनि लेखरा ने 10 मीटर शूटिंग में गोल्ड जीता और विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। इसी दिन भाला फेंक में देवेंद्र झझारिया ने रजत पदक जीता और सुंदर सिंह गुर्जर ने कांस्य पर कब्जा जमाया। पुरुषों के डिस्कस थ्रो इवेंट में योगेश कठुरिया ने चांदी जीत ली। दिन का दूसरा स्वर्ण पदक आया भाला फेंक से, जिसमें सुमित अंतिल ने अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ा और 68.55 मीटर दूर भाला फेंक कर भारत की पदक तालिका को और ऊपर पहुंचा दिया। यानी सोमवार को पांच मेडल्स जीतने के बाद भारत की पदक तालिका में कुल सात मेडल्स पहुंच गए।

 

इसके बाद मंगलवार का दिन भी भारत के लिए जबरदस्त रहा। पुरुषों के 10 मीटर पिस्टल शूटिंग इवेंट में सिंहराज अढाना ने कांस्य पदक जीता, जबकि पुरुषों की ऊंची कूद में मरियप्पन थंगावेलु ने रजत पदक पर कब्जा जमाया। यह पैरालंपिक में उनका कुल दूसरा रजत पदक रहा। इसी इवेंट में थंगावेलु के साथ शरद कुमार भी शामिल रहे, जिन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया। इसी के साथ मंगलवार तक भारत के खाते में कुल 10 पदक आ चुके हैं।

 

भारतीय पैरालंपिक टीम के लिए आगे की राह कई बातों पर निर्भर है। इनमें पहला समीकरण है भारत के चैंपियन खिलाड़ी। आगे के शूटिंग इवेंट्स में भारत के लिए पहले ही पदक जीत चुके अवनि लेखरा और सिंहराज जैसे खिलाड़ी शामिल होंगे। अवनि को तो इस दौरान पिस्टल के साथ राइफल शूटिंग के मिक्स्ड इवेंट्स मिलाकर तीन इवेंट्स में हिस्सा लेना है। ऐसे में फिर से पदक जीतने की उनकी दावेदारी काफी ज्यादा है।

 

 

 

इसके बाद नाम आता है, उन खिलाड़ियों का जिनके पास पहले से काफी ज्यादा अनुभव है। यानी वो पैरालंपिक चैंपियंस, जो या तो अपने खेल से जुड़े टूर्नामेंट्स जीत चुके हैं या विश्व रैंकिंग में टॉप खिलाड़ी हैं।

 

इनमें एक नाम है बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत का, जिनके खाते में अलग-अलग प्रतियोगिताओं से 23 गोल्ड, 9 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल हैं। उन्होंने बीडब्ल्यूएफ पैरा बैडमिंटन में लेकर वर्ल्ड और एशियन गेम्स में भी भारत के लिए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया है। वे भारत के लिए उन चुनिंदा खिलाड़ियों में हैं, जो बैडमिंटन में पहले स्थान तक जा चुके हैं।

 

पदक जीतने के ऐसे ही दावेदारों में एक नाम पारुल परमार का भी है, जिन्होंने बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो बार गोल्ड मेडल जीता है और इंटरनेशनल पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक विजेता रही हैं। इसके अलावा 22 साल के कृष्णा नागर भी पैरालंपिक में पदक जीतने के बड़े दावेदार हैं। इस छोटी उम्र में ही वे मेन्स सिंगल्स कैटेगरी में विश्व की दूसरी रैंकिंग वाले खिलाड़ी हैं। वे राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में भी दो गोल्ड मेडल्स जीत चुके हैं।

 

 

 

पैरालंपिक में तीरंदाजी के इवेंट में भारत की ओर से हरविंदर सिंह से मेडल की पूरे देश को आस है। बीजिंग में 2017 में पैरा आर्चरी से डेब्यू करने वाले हरविंदर ने 2018 में ही एशियन पैरा गेम्स के रिकर्व इवेंट में गोल्ड मेडल जीत लिया था। एशियन चैंपियनशिप में उन्हें टीम इवेंट में कांस्य पदक मिला।

 

शूटिंग में भारत की एक और उम्मीद मनीष नरवाल भी हैं, जिन्होंने 2017 में हुए विश्व पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में दो मेडल्स अपने नाम किए और इसके बाद बैंकॉक और दुबई में हुई विश्व कप में रजत पदक जीता। 2019 में क्रोएशिया में हुए विश्व शूटिंग पैरा कप में उन्होंने टीम इवेंट में गोल्ड पर निशाना साधा।

 

पैरालंपिक में भारत को पदक की उम्मीद तैराकी से भी है, जिसमें सुयश जाधव भारत का नेतृत्व करेंगे। उन्हें 200 मीटर एकल स्पर्धा में भाग लेना है। जहां वे रियो पैरालंपिक के अनुभव का इस्तेमाल इस बार करेंगे। सुयश 2018 के एशियाई पैरा खेलों में 1 गोल्ड और 2 ब्रॉन्ज जीत चुके हैं, जबकि जर्मनी और पोलैंड में हुई चैंपियनशिप में भी स्वर्ण से लेकर रजत और कांस्य पदक भी अपने नाम कर चुके हैं।

 

 

 

 

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